Delhi Weather Update: दिल्ली (Delhi) में फिर से 'लू' चलने का खतरनाक दौर शुरू होने की आशंका के बीच बुधवार को अधिकतम तापमान दो से तीन डिग्री बढ़ने का अनुमान जताया गया है. बुधवार की सुबह दिल्ली में तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो सामान्य से 2 कम है. इस पहले मंगलवार को सफदरजंग वेधशाला ने अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री के पार जाने की उम्मीद है और गुरुवार को इसके 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है. दिल्ली में 28 अप्रैल से लू चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है. दिल्ली में में 21 अप्रैल 2007 को अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. अप्रैल में रिकॉर्ड अधिकतम तापमान 29 अप्रैल 1941 को 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. उत्तर पश्चिमी भारत में मार्च के अंतिम सप्ताह से सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया है और मौसम विशेषज्ञ इसके पीछे उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के नहीं आने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. क्षेत्र को अफगानिस्तान पर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण बादल छाए रहने की वजह से पिछले सप्ताह थोड़ी राहत मिली थी.
'लू' से बचने के लिए करें ये काम
आईएमडी ने कहा है कि लू से प्रभावित इलाकों में कमजोर लोगों जैसे कि बच्चों, बुजुर्गों, बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए ‘मध्यम’ स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इन क्षेत्रों के लोगों को गर्मी में निकलने से बचना चाहिए, हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनने चाहिए और कपड़े, टोपी या छाते से अपना सिर ढंकना चाहिए. दिल्ली में इस साल अप्रैल में आठ दिन लू चली जो 2010 के बाद से सबसे अधिक है. दिल्ली में शुक्रवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने, हल्की बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी हवा चलने का अनुमान है, जिससे थोड़ी राहत मिलने के आसार हैं.
कब बनते हैं 'लू' जैसे हालात?
गौरतलब है कि मैदानी इलाकों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक या सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है, तब लू जैसे हालात की घोषणा की जाती है. आईएमडी के अनुसार यदि तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री से अधिक है, तो इसे गंभीर लू जैसी स्थिति घोषित की जाती है. मौसम विभाग ने पहले कहा था कि उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के आसपास के हिस्सों में अप्रैल में अधिक तेज और लगातार लू की स्थिति देखे जाने की आशंका है. भारत में पिछले 122 वर्ष में इस साल सबसे गर्म मार्च महीना देखा गया, जिस दौरान देश के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का प्रकोप रहा.
आपको बता दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग मौसम की चेतावनी के लिए चार रंगों के कोड का उपयोग करता है, जिसमें- हरा (कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं), पीला (नजर रखें और अपडेट रहे), नारंगी (तैयार रहें) और लाल (कार्रवाई करें) होता है.
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