Delhi Firing: दिल्ली के वेलकम कॉलोनी में ताबड़तोड़ फायरिंग, शख्स की मौत, तीनों हमलावर गिरफ्तार
Delhi Firing News: दिल्ली के शाहदरा जिले के वेलकम कॉलोनी में ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना में एक शख्य के मौत की सूचना है. घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए.
Delhi Murder News: दिल्ली के वेलकम थाना के कबीर नगर गली नंबर 5 में आधा दर्जन राउंड गोलियां चलने की सूचना है. ताबड़तोड़ फायरिंग की इस घटना में गोली लगने से नदीम की मौत हुई है. जबकि एक अन्य घायल हो गया.
सूत्रों के मुताबिक देर रात 3 लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे. हमलावरों ने नदीम को गोली मार दी. साथ में आरोपी अपनी मोटरसाइकिल छोड़ गए और मृतक की स्कूटी उसका मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए. पुलिस ने आर्म्स एक्ट और हत्या के तहत मामला दर्ज किया. सीसीटीवी की मदद से आरोपियों की तलाश जारी है.
पुलिस ने सभी आरोपियों को दबोचा
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में शनिवार को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों घटना को अंजाम देने के बाद से फरार चल रहे थे. फिलहाल, पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है. आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से बाइक भी बरामद की है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपराध को अजाम देने में किया.
मकोका गिरोह से जुड़े है तीनों आरोपी
इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार तीनों नाबालिक मकोका गिरोह से संबद्ध है. आरोपियों से पूछताछ चल रही है. तीन में से दो कबीर नगर के हैं और एक लोनी का रहने वाला है. शुरुआती पूछताछ में बताया कि नदीम से दस हजार रुपयों का लेनदेन था. रकम मांगने पर नदीम ने उनके साथ गाली-गलौच की थी, गुस्से में उन्होंने उसकी हत्या कर दी. राहुल के घर पर गोलियां गवाही तोड़ने के लिए चलाई. राहुल के भाई ने उनके साथियों पर हत्या के प्रयास का केस करवाया हुआ है, वह धमकाने के लिए गए थे.
बता दें कि दिल्ली में फायरिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक दिन पहले भी पश्चिम विहार और छवला में फायरिंग की घटनाएं सामने आई थीं. दोनों मामलों में बदमाशों ने जमकर गोलियां चलाईं. दोनों मामलो में शूटरों का मकसद किसी को जान से मारना नहीं था.
पहले भी हो चुकी गोलीबारी
दिल्ली में गोलीबारी की ये कोई नई घटना नहीं है. इससे पहले बीते दिन भी दो जगहों पर फायरिंग की घटना सामने आई थी. जिनमें पहली घटना पश्चिम विहार की थी जबकि दूसरी छावला की. यहां पर बदमाशों ने जमकर गोलियां चलाईं. शूटरों का मकसद किसी को जान से मारने का नहीं था बल्कि डराने का था. पुलिस को दोनों घटना में किसी एक ही गिरोह के शामिल होने का शक था.
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