Delhi News: राजेश बल्लभगढ़ में कंस्ट्रक्शन साइट पर मिस्त्री का काम करते थे और बड़ी-बड़ी ऊंची इमारतों को बनाते थे. एक दिन काम के दौरान वह हादसे का शिकार हो गए और फिर इलाज के दौरान ब्रेन डेड (Brain Dead) घोषित कर दिए गए. फिर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उधर, सदमे से गुजर रहीं पत्नी ने बेहद साहसिक कदम उठाया. उन्हें रिश्तेदारों और डॉक्टरों ने अंगदान (Organ Donate) की जानकारी दी थी, जिसके बाद उसने अपने पति के अंगों क दान करने का निर्णय लिया. इस फैससे से एक नहीं बल्कि तीन-तीन लोगों को नई जिंदगियां मिलीं.  वहीं, राजेश के कुछ अंगों को जरूरतमंदों के लिए सुरक्षित रख दिया गया है. एम्स ट्रॉमा सेंटर (AIIMS) में यह इस साल का छठा अंग-दान है.


दरअसल, 21 जून को दोपहर लगभग 12 बजे बल्लभगढ़ में एक निर्माण स्थल में काम करते समय राजेश के मस्तिष्क में गंभीर चोट लग गई थी. शुरुआत में उन्हें इलाज के लिए फ़रीदाबाद के अस्पताल में ले जाया गया. जहां से उन्हें 21 जून की रात को वेंटिलेशन पर एम्स ट्रॉमा सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया. जिसे 22 जून को एम्स ट्रॉमा सेंटर में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद डॉक्टरों ने राजेश की पत्नी और उनके परिजनों को अंग-दान के बारे में जानकारी दे कर इसके लिए उनकी काउन्सलिंग की. वास्तविकता को स्वीकारते हुए राजेश की पत्नी चिनाई ने पति के अंगों को दान करने की स्वीकृति दी और उनकी किडनी, लीवर, कॉर्निया और हृदय वाल्व दान किया.


तीन लोगों को मिली नई जिंदगियां, बाकी अंग जरूरतमंदों के लिए एम्स में सुरक्षित
राजेश के अंगों को निकालने की प्रक्रिया 23 जून की देर रात 1 बजे शुरू हुई और 24 जून सुबह 5 बजे उनके अंगों को सफलतापूर्वक निकाल कर सुरक्षित रखा गया. उनकी एक किडनी और लीवर का उपयोग एम्स में किया गया, जबकि दूसरी किडनी NOTTO द्वारा SJH को आवंटित की गई. हार्ट वाल्व और कॉर्निया को एम्स में जरूरतमंद के लिए सुरक्षित रखा गया है.


ये भी पढ़ें- Delhi: दिल्ली में बारिश पर छिड़ा सियासी संग्राम, बीजेपी का AAP पर हमला, 'कुछ घंटे में खुली सरकार की पोल'