Delhi: 'खुद के बनाए लिबास में रैंप पर उतरीं महिला कैदी' जेल अधिकारी बोले- इनकी जिदंगी को नई दिशा देने में मिलेगी मदद
Tihar jail Skill Development Program: फैशन डिजाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम का मकसद जेल में सजा काट रही महिला कैदियों की जिंदगी को एक नई दिशा देना है.
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे कैदियों के सुधार और पुनर्वास के लिए कई पहल समय समय पर किए जाते रहे हैं. इसका मकसद जेल में सजा काट कर रही महिला कैदियों की जिंदगी को एक नया दिशा देना है. ताकि जेल से निकलने के बाद वह अपनी जिंदगी को एक नई दिशा दे सकें. इस पहल में दिल्ली प्रिजन्स एक अग्रणी ससंस्था है, जो कैदियों में कौशल विकास के लिए कार्य करती है. इसी के तहत पर्ल अकेडमी, सेंट्रल जेल नंबर 6 में बंद महिला कैदियों को विभिन्न फैशन डिजाईन का प्रशिक्षण दे रही है. इसके तहत महिला कैदियों को "पैटर्न मेकिंग" और गार्मेंट कंस्ट्रक्शन की ट्रेनिंग दी गई.
जेल के डीजी संजय बेनीवाल और एडिशनल इंस्पेक्टर जेनरल एचपीएस सरन के मार्गदर्शन के शुरू की गई इस कौशल विकास का मकसद महिला कैदियों में स्किल डेवलपमेंट कर उन्हें इस काबिल बनाना है, जिससे वो जीवनयापन और अपनी बेहतर जिंदगी के लिए खुद कमाई कर सकें.
महिलाओं को ट्रेनिंग देने का ये है मकसद
फैशन डिजाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 9 बैच में 78 महिला कैदियों को फैशन डिजाइनिंग के विभिन्न तकनीकों के बारे में ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग सफलतापूर्वक हासिल करने वाली महिला कैदियों को इसके लिए सर्टिफिकेट दिया गया. दिल्ली प्रिजन्स की इस पहल का मकसद सजा काट रही महिला कैदियों के जेल से निकलने के बाद नए सिरे से जिंदगी की सकारात्मक शुरुआत कर आत्मनिर्भर बनाना है. इस मौके पर महिला कैदियों द्वारा "गणेश वंदना" नृत्य की प्रस्तुति की गई साथ ही एक फैशन शो का भी आयोजन किया गया, जिसमें महिला कैदियों ने खुद के डिजाईन किए गए परिधानों को पहन कर प्रदर्शन किया. जिसकी वहां मौजूद सभी मेहमानों और जेल अधिकारियों ने सराहना की. इस मौके पर डीजी जेल और एडिशनल आईजी मौजूद रहे. इस दौरान जेल अधिकारियों एवं पर्ल अकेडमी की डीन बेला गुप्ता ने महिला कैदियों की हौसला अफजाई करते गए उन्हें प्रेरक संदेश भी दिए.