Delhi News: देश की राजधानी में अलग-अलग राज्यों से लोग कामकाज के लिए आते हैं. बड़ी संख्या महिलाओं की भी देखने को मिलती है. महिलाएं कामकाज, अध्ययन, शिक्षा के लिए दिल्ली में आती हैं. महिलाओं को सुरक्षित स्थान देने के लिए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) सभी सुविधाएं मुहैया करा रही है. एनडीएमसी उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि राजधानी में विशेष तौर पर महिलाओं, छात्राओं के लिए अकेले रहना या छोटे समूहों में रहना काफी मुश्किल भरा रहता है.


कामकाजी महिलाओं को घर जैसी सुविधा


मौजूदा समय में तीन प्रमुख स्थानों पर महिलाओं के लिए छात्रावास बने हुए हैं. मंदिर मार्ग पर स्वाति, मंडी हाउस के पास आकांक्षा और लक्ष्मीबाई नगर में इंदिरा निकेतन नाम से कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास हैं. उन्होंने बताया कि इन छात्रावासों में दिल्ली के बाहर से आई कामकाजी महिलाओं को सस्ती दर पर घर जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.


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इंदिरा निकेतन हॉस्टल में बनेगा नया ब्लॉक


लक्ष्मीबाई नगर के इंदिरा निकेतन में लगभग 200 महिलाओं को रहने की व्यवस्था है. अब हॉस्टल में एक नया ब्लॉक विकसित किया जाएगा. ब्लॉक विकसित होने के बाद अतिरिक्त 117 और महिलाएं घर जैसी सुविधा का लाभ उठा पाएंगी. उन्होंने बताया कि हॉस्टल में और भी सुविधाओं का विस्तार करने की योजना बनाई गई थी लेकिन जगह की कमी की वजह से संभव नहीं हो पाया. लिहाजा जगह की कमी को देखते हुए एक नया विशाल ब्लॉक बनाया जा रहा है.


एनडीएमसी उपाध्यक्ष ने बताया कि इंदिरा निकेतन का कुल क्षेत्रफल 6715.91 वर्ग मीटर है. पुराना भवन 852.87 वर्ग मीटर में बना हुआ है. नए भवन का निर्माण 521. 65 वर्ग मीटर में किया जाएगा. पूरी इमारत का निर्माण आरसीसी फ्रेम की संरचना पर होगा, जिसमें एक तीन मंजिला इमारत शामिल है, जिसकी प्रत्येक मंजिल में 10 कमरों के साथ शौचालय की भी सुविधा होगी. भूतल के रिसेप्शन में 1.8 मीटर चौड़े आम मार्ग के साथ 9 कमरों का प्रावधान है, जिसमें लिफ्ट और सीढ़ियों जैसी सामान्य सुविधाएं होंगी.


उन्होंने आगे बताया कि परियोजना की कुल अनुमानित लागत 9.4 करोड़ रुपये है. वर्षा जल संचयन प्रणाली, अग्निशमन प्रणाली आदि जैसी सभी आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं से लैस होगी. विट्रीफाइड टाइल फ्लोरिंग का उपयोग सभी कमरों, फ्लश डोर शटर, एल्यूमीनियम ग्लेज्ड खिड़कियों स्टेनलेस स्टील रेलिंग, राइजर में ग्रेनाइट पत्थर और सीढ़ी में चलने और जैसलमेर स्टोन क्लैड्डिंग के साथ बाहरी फिनिश आदि में किया जाएगा.


परियोजना की सभी निविदा औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जून 2022 तक काम शुरू होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि परिवारों, समुदायों और सामाजिक विकास के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना आवश्यक है. महिलाएं सुरक्षित और उत्पादक जीवन जीने से पूरी क्षमता तक पहुंच सकती हैं. कार्यबल में कौशल का योगदान कर सकती हैं और अपनी आकांक्षाओं को पूरा होते देख खुश हो सकती हैं.


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