Delhi: तीन महीने पहले की तुलना में यमुना नदी हुई बेहद प्रदूषित, जानिए क्या कहती है DPCC की रिपोर्ट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना का स्तर एक बार फिर बेहद खराब हो गया है. इसका खुलासा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की दिसंबर 2021 की वाटर क्वालिटी स्टेट्स रिपोर्ट में हुआ है.
Delhi News: दिल्ली में यमुना नदी एक बार फिर बेहद प्रदूषित हो गई है. यमुना में प्रदूषण तीन महीने पहले की तुलना में 14 गुना के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर फेकल बैक्टीरिया के स्तर के साथ खराब हो गया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की दिसंबर 2021 की वाटर क्वालिटी स्टेट्स रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है.
यमुना में फेकल कोलीफॉर्म लेवल वांछित सीमा से ज्यादा पाया गया
बता दें कि फेकल कोलीफॉर्म लेवल 1,400 एमपीएन/100 एमएल (2500 एमपीएन/100 एमएल की अधिकतम सीमा के खिलाफ) था जो कि निकास पर स्तर वांछित सीमा से 2,800 गुना अधिक और अधिकतम अनुमेय सीमा से 580 गुना अधिक था. वहीं असगरपुर में, जो शाहदरा और तुगलकाबाद नालों का संगम है, वहां दिसंबर में फेकल का स्तर 14,00,000 एमपीएन/100 एमएल था, जो नवंबर में 4,90,000 और अक्टूबर में 94,000 यूनिट था.
पल्ला स्टेशन पर डीओ लेवल 14 मिलीग्राम/लीटर था, जबकि असगरपुर में यह न्यूनतम आवश्यकता 5 मिलीग्राम/लीटर के मुकाबले शून्य था. एंट्री पर बीओडी 2.5 मिलीग्राम/लीटर और एग्जिट पर 77 यूनिट था, जबकि अधिकतम सीमा 3 मिलीग्राम/लीटर थी.
दिल्ली में ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें उचित सीवर नेटवर्क नहीं हैं
वहीं डीपीसीसी के एक अधिकारी ने कहा कि, “दिल्ली में ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें उचित सीवर नेटवर्क नहीं है. 20% से अधिक आबादी को अभी भी उचित सीवर नेटवर्क नहीं मिला है. इसके अलावा, 80% से ज्यादा सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) मानकों को पूरा नहीं करते हैं. ”
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि खराब सीवेज ट्रीटमेंट और कम परिवेश के तापमान के कारण फेकल कोलिफॉर्म का स्तर अधिक था. फेकल कोलीफॉर्म का स्तर जितना अधिक होगा, पानी में रोग पैदा करने वाले रोगजनकों की उपस्थिति उतनी ही अधिक होगी. डीओ जीवन की उपस्थिति को दर्शाता है, जबकि बीओडी कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने और प्रबंधित करने के लिए नदी द्वारा जरूरी न्यूनतम ऑक्सीजन है.
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