Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना का जल स्तर सोमवार को 206 मीटर यानी खतरे के निशान को पार कर गया. मंगलवार को यमुना के जल स्तर में बढ़ोतरी जारी है. राहत कार्य से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने बाढ़ के खतरे को भांपते हुए यमुना के डूब क्षेत्र में आने वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने काम शुरू कर दिया है. बता दें कि दिल्ली में नदी का पानी अनुमान से काफी पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था.


केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़-निगरानी मंच के अनुसार हरियाणा द्वारा यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण मंगलवार सुबह छह बजे तक ओल्ड रेलवे ब्रिज पर जल स्तर बढ़कर 206.28 मीटर हो गया. मंगलवार दोपहर तक 206.65 मीटर तक बढ़ने की आशंका है. इसके बाद उम्मीद है कि नदी में पानी का स्तर धीरे-धीरे कम होता जाएगा.


सरकार हर स्थिति से निपटने को तैयार


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की आशंका नहीं है, लेकिन सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि नदी के 206 मीटर के निशान को पार करते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा. नदी में जल स्तर के 206 मीटर के ‘निकासी स्तर’ के पार जाते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाता है.


अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का ​निर्देश


दिल्ली सरकार में कार्यरत पूर्वी दिल्ली जिले के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद सोमवार रात को वहां से लोगों को निकालना शुरू किया गया. उन्होंने कहा कि केवल प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर बने शिविरों में स्थानांतरित किया गया है. आमतौर पर बैराज पर पानी का प्रवाह 352 क्यूसेक रहता है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण इसका प्रवाह बढ़ जाता है. एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है. बैराज से पानी दिल्ली पहुंचने में करीब दो से तीन दिन लग जाते हैं. दिल्ली सरकार ने मूसलाधार बारिश के कारण सोमवार को सभी स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की थी और सरकारी अधिकारियों की रविवार की छुट्टी रद्द करते हुए उन्हें ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया था. अधिकारियों से सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई करने का को कहा गया है. इसके अलावा, त्वरित प्रतिक्रिया दल और नौकाएं तैनात की गई हैं.


बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए गए 16 सुविधा केंद्र


दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं. यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं. दरअसल, युमना नदी का जलस्तर पिछले साल सितंबर में दो बार खतरे के निशान को पार गया था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक दिल्ली में शनिवार और रविवार को 24 घंटे के अंदर दिल्ली में 153 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है. राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 107 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी.


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