हाथी 'शंकर' के साथी की तलाश में आई तेजी, अंतिम चरण में दिल्ली चिड़ियाघर और वन विभाग के बीच बातचीत
Delhi Zoo Elephant: दिल्ली चिड़ियाघर के अधिकारी ने बताया कि शंकर (Elephant Shankar) के बाड़े की दीवारों को मजबूत किया जा रहा है. यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा, जिसके बाद उसे मुक्त किया जा सकेगा.
Shankar Elephant Delhi Zoo: दिल्ली चिड़ियाघर में अफ्रीकी नस्ल का एक अब सिर्फ एक हाथी है, जिसे लोग शंकर के नाम से जानते हैं. अकेला होने की वजह से शंकर पिछले कुछ समय से आक्रामक व्यवहार कर रहा है. पशु चिकित्सकों के मुताबिक वह 'मस्ट' स्थिति में है. दिल्ली चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक शंकर को इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए उसे एक साथी मुहैया कराने की जरूरत है. इसके लिए वन विभाग के साथ बातचीत जारी है.
दिल्ली चिड़ियाघर के अधिकारी के अनुसान 1998 में जिम्बाब्वे से लाए गए राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिड़ियाघर) में 29 वर्षीय अफ्रीकी हाथी 'मस्ट' (musth) स्थिति में है और लंबे समय से आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित कर रहा है.
टेस्टोस्टेरोन में वृद्धि से होता है 'मस्ट'
चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार 'मस्ट' एक प्राकृतिक स्थिति है जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि से जुड़ी है. इसके लक्षण नर जानवरों, विशेष रूप से हाथियों और ऊंटों में देखने को मिलते हैं. इससे पीड़ित होने पर हाथी अत्यधिक आक्रामकता और अप्रत्याशित व्यवहार करता है.
'शंकर' ने कर दिया था जू के कर्मचारी को घायल
हम अभी भी (शंकर की) जोड़ी के बारे में वन विभाग के साथ बातचीत कर रहे हैं. दिल्ली चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई पुष्टि या निर्णय नहीं हुआ है.अधिकारी के अनुसार शंकर ने पहले भी इस स्थिति के कारण आक्रामक रूप से हमला किया था. उसने एक दीवार को तोड़ दिया था. चिड़ियाघर के कर्मचारी को घायल किया था. इसके बाद, उसे लंबे समय तक जंजीरों से बांधा गया, जिससे उसके पैरों में घाव और मवाद बन गया.
दिल्ली चिड़ियाघर के अधिकारी ने बताया कि पिछले महीने चेन हटा दी गई थी और अब उसे पट्टे से बांधकर रखा गया है. अधिकारी ने बताया कि शंकर अब बेहतर स्थिति में है, लेकिन वह अभी भी आक्रामक तरीके से हमला करता है.
बाड़े की दीवार को किया जा रहा मजबूत
चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि शंकर के बाड़े की दीवारों को मजबूत किया जा रहा है और यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा, जिसके बाद उसे मुक्त किया जा सकेगा. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह खुद को या दूसरों को चोट न पहुंचाए.