Delhi Zoo Latest News: दिल्ली के चिड़ियाघर में अकेलेपन की जिंदगी से बेजार और आक्रामक 'शकर' हाथी को शांत करने के प्रयास में जू प्रशासन के कठोर नियंत्रण में इतना रखा कि वो बीमार हो गया. अब उसे ठीक करने में डॉक्टरों दिन रात लगे हुए हैं. अब दिल्ली हाई कोर्ट की दखल के बाद से डॉक्टरों की टीम की निगरानी में शंकर हाथी है. उसके स्वास्थ्य में सुधार के संकेत भी मिले हैं. 


'शंकर' हाथी 40 दिनों से दर्द से कराह रहा है, लेकिन उसे अभी तक इलाज नहीं मिल पाया है. चिड़ियाघर और एक्वेरियम संघ (वाजा) ने इसका संज्ञान लिया है और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को पत्र लिखकर हाथी की पूरी रिपोर्ट मांगी है. शंकर 19 वर्षों से अकेला है.


अफ्रीकी नस्ल के हाथी को लेकर अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि 29 वर्षीय शंकर के घाव को ठीक करने के लिए उसे बेहोश करना. इलाज के बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार के संकेत मिले हैं. 


ये है शंकर के बीमार होने की वजह 


पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दिल्ली चिड़ियाघर में एकमात्र अफ्रीकी हाथी, जिसे 1998 में जिम्बाब्वे से लाया गया था, को लंबे समय तक जंजीर से बांधा गया था, जिससे उसके पैरों में घाव हो गए और मवाद बन गया. शंकर का इलाज कर रहे पशु चिकित्सक सुमित नागर ने कहा कि उसके घाव का इलाज किया गया है और उसकी नियमित जांच की जाएगी. नागर ने कहा कि उसके घाव में मवाद बन गया था, जिसका इलाज शंकर को बेहोश करने के बाद किया गया.


पशु चिकित्सक सुमित के मुताबिक हाल के दिनों में हाथी अस्वस्थ स्थिति में नहीं था, लेकिन घाव के कारण वह आक्रामक व्यवहार कर रहा था. आज सुबह, मैं उसके घाव की ड्रेसिंग के लिए वहां गया था. वह उपचार और चिकित्सा के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया दे रहा है. शंकर हाथी सामान्य रूप से अपना भोजन ले रहा है. उसे निगरानी में रखा गया है. 


दरअसल, सितंबर 2023 में हाथी शंकर ने मस्त अवस्था में अपने बाड़े की चारदीवारी का एक हिस्सा तोड़ दिया था. पुरुष जानवरों विशेष रूप से हाथियों और ऊंटों में अत्यधिक आक्रामकता और अप्रत्याशित व्यवहार की स्थिति टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि से जुड़ी होती है. 


इस बीच दिल्ली चिड़ियाघर ने एक पशु चिकित्सक की सहायता के लिए वन और वन्यजीव विभाग को पत्र लिखा है. वन विभाग को लिखे पत्र में कहा गया है कि नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान को हमारे 29 वर्षीय अफ्रीकी हाथी को मस्त अवस्था में सुरक्षित रूप से स्थिर करने के लिए डॉ. सुमित नागर की विशेषज्ञता और शांत करने वाली दवाओं की तत्काल आवश्यकता है. 


पत्र में इस बात का भी जिक्र था कि डॉ. अभिजीत भवाल आठ जुलाई को इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के लिए डॉ. नागर के साथ सहयोग करेंगे. पशु चिकित्सक सुमित नागर ने सोमवार को दिल्ली चिड़ियाघर का दौरा किया और मंगलवार को शंकर का इलाज करने के लिए आना जारी रखा.


यहां से मिला था गिफ्ट


इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने हाथी शंकर के रहने की स्थिति का निरीक्षण करने का आदेश दिया था. बता दें कि 1998 में शंकर हाथी जिम्बाब्वे से भारत को एक उपहार रूप में मिला था. तभी ये यह हाथी दिल्ली के चिड़ियाघर में रहता है.


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