Delhi Zoo में तीन सालों में बिग कैट प्रजाति के 10 जानवरों की मौत, बताई जा रही है यह वजह
Animal Deaths In Zoo: पिछले करीब 3 सालों में दिल्ली के चिड़ियाघर में 10 बिग कैट प्रजाति के जानवरों की मौत का आंकड़ा सामने आया है. इनकी मौत की वजह कई बार आर्गन फेल होना तो कई बार सामान्य बीमारी है.
Delhi Zoo Animal Death: दिल्ली (Delhi) के चिड़ियाघर में एक और बिग कैट प्रजाति की मादा जगुआर की मौत हो गई है. इसी महीने 11 मार्च को कल्पना नाम की जगुआर जिसकी उम्र 18 साल बताई जा रही है, उसकी मौत की पुष्टि दिल्ली चिड़ियाघर से एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से की गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक यह जगुआर विदेशी नस्ल की थी जो कि दक्षिण अमेरिका के घने जंगलों में पाई जाती है. इससे पहले इसी साल 10 जनवरी को एक 8 साल की हेमा नाम की शेरनी की भी मौत हो गई थी. इसके बाद इसी साल यह दूसरी बिग कैट प्रजाति की मौत की खबर सामने आई है.
करीब 3 सालों में 10 बिग कैट प्रजाति वाले जानवरों की मौत
10 जनवरी को 8 साल की शेरनी की मौत का कारण आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया था, उसके बाद इस महीने 11 मार्च को हुई कल्पना नाम की जगुआर की मौत को लेकर भी आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है. बताया यह जा रहा है कि यह जगुआर 18 साल की थी और काफी बूढ़ी हो गई थी. इतना ही नहीं लंबे समय से बीमार भी चल रही थी.
वहीं एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक पिछले करीब 3 सालों में दिल्ली के चिड़ियाघर में 10 बिग कैट प्रजाति वाले जानवरों की मौत हो चुकी है जिसमें की शेर, बाघ और जगुआर शामिल है.
चिड़ियाघर के आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक 20 सितंबर 2019 को 8 साल की रामा नाम की बंगाल टाइगर की मौत हो गई थी, जिसकी मौत का कारण किडनी फेल होना बताया गया, जिसके बाद 23 अप्रैल 2020 को 13 वर्षीय कल्पना नाम की एक व्हाइट टाइगर की गुर्दे खराब होने के कारण मौत हो गई, और फिर इसी साल 7 अक्टूबर को 11 साल की अखिला नाम की एक शेरनी की किडनी की बीमारी के चलते मौत हो गई.
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अकेले 2020 में 6 की हुई मौत
दिल्ली के चिड़ियाघर में बिग कैट प्रजाति के जानवरों की मौत का सिलसिला यूं ही नहीं थमा, इसके बाद इसी साल 19 नवंबर 2020 को बी-टू नाम के एक 15 साल के बंगाल टाइगर की और 14 दिसंबर 2020 को 6 साल की निर्भया नाम की एक व्हाइट टाइगर की कार्डियक अटैक के चलते मौत हो गई. इस टाइगर ने चिड़ियाघर में ही 2 शावकों को जन्म दिया था जिसमें से एक शावक की सी-सेक्शन के दौरान और दूसरे शावक की 19 दिन के बाद मौत हो गई. इस तरीके से साल 2020 में 6 बिग कैट प्रजाति के जानवरों की चिड़ियाघर में अलग-अलग कारणों से मौत हो गई और आंकड़ों के मुताबिक 3 से 4 महीने के अंतराल के बीच इनकी मौत हुई.
इसके बाद 9 मई 2021 में 7 साल के अमन नाम के एक शेर की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई और फिर इस (2022) साल 10 जनवरी को हेमा नाम की एक 8 साल की शेरनी की भी चिड़ियाघर में मौत हो गई. जिसकी मौत के कारणों का चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से जानकारी नहीं दी गई. इसके बाद एक महीने बाद 11 मार्च को 18 साल की जगुआर नाम की कल्पना की मौत की खबर सामने आई है. जिसको लेकर चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई है.
कम शारीरिक गतिविधियों के कारण आर्गन फेल होने की आशंका
आंकड़ों के मुताबिक पिछले 2 साल 7 महीने में दिल्ली के चिड़ियाघर में 10 बिग कैट प्रजाति वाले जानवरों की मौत हो चुकी है, जिसमें शेर-शेरनियां, व्हाइट टाइगर, बंगाल टाइगर और जगुआर शामिल है. इससे पहले भी एबीपी न्यूज़ की ओर से 6 टाइगर और शेरों की मौत को लेकर भी खुलासा किया गया था. जिसके बाद मिली जानकारी के मुताबिक अब तक कुल 10 बिग कैट प्रजाति वाले जानवरों की मौत हो चुकी है, जिसमें से अधिकतर जानवर कम उम्र में ही किसी ना किसी बीमारी के कारण मौत का शिकार हुए हैं. जिसको लेकर एक्सपर्ट की मानें तो जानवरों को दिए जाने वाले खाने और चिड़ियाघर में मिलने जानवरों के इलाज को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं. इसके साथ ही जानवरों की शारीरिक गतिविधियां कम होने के कारण भी उनके ऑर्गन फेल हो रहे हैं.
वहीं लगातार बिग कैट प्रजाति के जानवरों की मौत के चलते सेंट्रल जूलॉजिकल अथॉरिटी की प्रजनन योजना पर भी ब्रेक लगता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि इसी योजना के जरिए बिग कैट प्रजाति वाले जानवरों की संख्या बढ़ाई जानी थी जिससे बंगाल के टाइगर, व्हाइट टाइगर और शेरों की संख्या बढ़ सके.