Delhi News: दिल्ली में चिलचिलाती धूप ऐसी लग रही है जैसे आसमान से आग के गोले बरस रहे हों. गर्मी ने इस तरह सितम ढाया है कि लोगों को घर के अंदर भी राहत नहीं मिल रही है. इस बीच पंखा, एसी, कूलर और फ्रीज समेत तमाम होम एप्लायंसेज और इलेक्ट्रिक उपकरणों पर खर्च हो रही बिजली ने राजधानी दिल्ली के पावर डिमांड (Peak Power Demand) के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.
राजधानी दिल्ली (Delhi) में बुधवार को पीक पावर डिमांड 8302 मेगावाट दर्ज किया गया है जो कि दिल्ली के इतिहास का सबसे उच्च स्तर है. इसने कुछ दिन पहले के बने हुए रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. 22 जून को ही दिल्ली में पीक पावर डिमांड 8000 मेगावाट पहुंच गया था. 12 दिन पहले ही पीक पावर डिमांड 7000 मेगावाट के आंकड़े के ऊपर पहुंच गया था. यह जानकारी दिल्ली के बिजली वितरण कंपनी (DISCOM) ने दी है.
कुछ दिन पहले ही दिल्ली की मंत्री आतिशी ने दावा किया था कि बिजली की बढ़ते उपभोग और मांग के बीच आपूर्ति में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है. बढ़ती गर्मी में न केवल बिजली की मांग बढ़ी है बल्कि पानी की किल्लत भी दिल्ली झेल रही है. इसको देखते हुए सरकार ने उन लोगों पर फाइन लगाने का फैसला किया है जो पानी को बर्बाद कर रहे हैं.
दिल्ली में इस वक्त गर्मी अपने पीक पर है. मंगेशपुर इलाके में तापमान 50 डिग्री के पार पहुंच गया है. बुधवार को मंगेशपुर में तामपान 52.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. गर्मी से राहत पाने के लिए लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
सरकार की ओर से उठाए जा रहे ये कदम
घर के बाहर काम से निकल रहे लोग लू की चपेट में आ रहे हैं. इसका असर खासकर कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे श्रमिकों पर दिख रहा है. इसलिए उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने दोपहर 12 से दोपहर 3 बजे तक श्रमिकों के लिए छुट्टी की घोषणा की है. जबकि दिल्ली सरकार ने लू की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में बेड रिजर्व कर दिया है.
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