Delhi News: राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव अब कोई नई बात नहीं रह गयी है. इनके बीच लंबे समय से खींचतान चली आ रही है. बस हर बार मुद्दा अलग-अलग होता है. हालिया मामला दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर है. जिसे उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बीते 21 जून को नियुक्त किया था.


उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच चल रही रार के बीच 3 जुलाई को DERC के चेयरमैन को ऊर्जा मंत्री आतिशी द्वारा शपथ दिलाई जानी थी. लेकिन दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से उपराज्यपाल द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उमेश कुमार को DERC के चेयरमैन के पद पर नियुक्ति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को झटका देते हुए DERC के चेयरमैन के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगा दी है. इस मामले में अब 11 जुलाई को सुनवाई होनी है.


टैरिफ की घोषणा पर पड़ा असर


उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच चल रही दांव-पेंच से बिजली की नई टैरिफ की घोषणा भी अधर में लटकी हुई है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश के अनुसार प्रत्येक वित्त वर्ष में अप्रैल तक बिजली की नई दरें घोषित हो जानी चाहिए. लेकिन DERC अब तक बिजली की नई दरों की घोषणा नहीं कर सकी है, और इसमें अभी और भी देरी होने की संभावना जताई जा रही है. क्योंकि आयोग के चेयरमैन व कानूनी सदस्य का पद अभी भी खाली पड़ा है.


हर वित्तीय वर्ष में नई दरों की घोषणा


बता दें कि, प्रत्येक वित्त वर्ष की शुरुआत में DERC बिजली की नई दरें घोषित करती है. पिछले वर्ष टैरिफ की घोषणा नहीं हुई थी, वहीं इस वित्तीय वर्ष में भी तीन महीने बीत जाने के बाद भी अब तक इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है. बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के वार्षिक लेखा-जोखा और उनकी मांग पर उपभोक्ताओं से 11 जुलाई तक सुझाव मांगे गए हैं. उसके बाद जन सुनवाई होगी, फिर टैरिफ की घोषणा की जाएगी.


जानें आखिर क्या कहता है नियम


अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार DERC के कानूनी सदस्य के बिना टैरिफ की घोषणा नहीं हो सकती है. आयोग में चेयरमैन के अतिरिक्त दो सदस्य तकनीकी और कानूनी होते हैं. वर्तमान में सिर्फ तकनीकी सदस्य के सहारे आयोग का कामकाज चल रहा है. चेयरमैन नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. कानूनी सदस्य की नियुक्ति भी लंबित है. बता दें कि डिस्कॉम बिजली की दरें बढ़ाने की मांग कर रही है, ऐसे में बिजली वितरण कंपनियों के साथ उपभोक्ताओं को भी नई दरों की घोषणा का इंतजार है.