दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच बिजली की मांग काफी बढ़ रही है, मई के पहले सप्ताह में ही दिल्ली में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. इसी बीच पॉवर पैनल को लेकर हुई बैठक में दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) ने साफ निर्देश दिया है कि बिजली की खरीद में कोई प्रक्रियात्मक देरी न हो. बता दें कि इस समय राजधानी दिल्ली में बिजली की मांग बढ़कर 6,194 मेगावाट हो गई जो मई के पहले सप्ताह में सबसे अधिक है.


दिल्ली में बढ़ रही बिजली की मांग को देखते हुए बिजली विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में सोमवार को दोपहर 3.34 बजे 6,194 मेगावाट की बिजली मांग को पूरा किया है. जो मई के पहले सप्ताह के लिए सबसे अधिक रही. इससे पहले दिल्ली की पीक बिजली की मांग 29 अप्रैल को बढ़कर 6,197 मेगावाट हो गई थी, जो अप्रैल महीने के लिए अब तक का सबसे अधिक मांग थी. दिल्ली में बिजली की मांग इस बार 8,000 मेगावाट को पार कर सकती है, जो अब तक के सभी रिकॉर्ड को तोड़ देगी. 


बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे अधिक बिजली की मांग 7,409 मेगावाट थी, जो 2 जुलाई, 2019 को दर्ज की गई थी. डीईआरसी के सचिव मुखेश वाधवा ने कहा कि अंतरिम उपाय के रूप में डीईआरसी ने 31 जुलाई तक या अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से इंट्रा डिस्कॉम बैंकिंग सुविधा, बैंकिंग और द्विपक्षीय लेनदेन के ओवरलैपिंग और विचलन शुल्क आदि को बनाए रखने की अनुमति दी है. इसके साथ ही वाधवा ने राज्य लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलसी), डिस्कॉम और दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड को दिल्ली के उपभोक्ताओं को ग्रिड अनुशासन, ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क की उपलब्धता और 24x7 बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए निर्देशित किया है.


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दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते केंद्र सरकार लेटर लिखकर दावा किया था कि राष्ट्रीय राजधानी के लिए बिजली बनाने वाले पांच बिजली संयंत्रों में से दो में केवल कोयले का स्टॉक है. हालांकि दिल्ली सरकार के इस लेटर को केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने खारिज कर दिया था.   


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