Haryana: हरियाणा शिक्षा विभाग की लापरवाही, सीएम के आदेश के बावजूद बच्चों को अभी तक नहीं मिली किताबें
Haryana News: हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों में फिर से फिजीकल कक्षाएं शुरू हो गई है. नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने के चार महीने के बाद भी छात्रों को पाठ्यपुस्तकें नहीं मिली हैं.
Haryana News: कोरोना के बाद हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों में फिजीकल कक्षाएं फिर से शुरू हो गई हैं. यहां तक की कोरोना के दौरान पढ़ाई में आई बाधा को पाटने के लिए दो घंटे की एक्ट्रा क्लास भी शुरू की गई हैं, लेकिन नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने के लगभग चार महीने के बाद भी बच्चों को पाठ्यपुस्तकों और कॉपियों का वितरण नहीं हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री ने 8 जुलाई को सभी छात्रों को नवीनतम कोर्स उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.
क्या कहता है शिक्षा का अधिकार कानून
बता दें कि शिक्षा का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत राज्य सरकार कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को सभी तरह की अध्ययन सामग्री मुफ्त में वितरित करने के लिए बाध्य है. सरकारी स्कूल शिक्षक और राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष तरुण सुहाग ने कहा कि विभाग द्वारा अब तक स्कूली पाठ्य पुस्तकों का वितरण नहीं किया गया है, वहीं गुड़गांव के कुछ ब्लॉकों में वितरण कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ लेकिन वितरण की रफ्तार काफी धीमी है और इसमें और देरी की संभावना दिख रही है. इससे शिक्षण कार्य में बाधा पहुंच रही है.
उन्होंने कहा कि हम अपने नोट्स या पिछले साल की पाठ्यपुस्तकों के आधार पर छात्रों को पढ़ा रहे हैं. लेकिन जब तक छात्रों के पास किताबें या कॉपी नहीं होंती तब तक हम उन्हें होमवर्क नहीं दे सकते हैं. नूंह के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक विनोद कौशिक ने कहा कि यहां के स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और छात्रों के पास किताबें नहीं हैं, उन्होंने कहा कि नूंह जैसे जिलों में स्थिति चिंताजनक है क्योंकि पिछले दो सालों से 90% से अधिक छात्र यहां शिक्षा पाठ्यक्रम में पीछे रह रहे हैं.
शिक्षा मंत्री ने किया था मई तक किताबें बांटने का वादा
अप्रैल में जब यह मुद्दा उठा था तो शिक्षामंत्री ने कहा था कि किताबें मई में वितरित की जाएंगी, लेकिन अब जुलाई खत्म होने को है और किताबें अभी तक वितरित नहीं की गई हैं. पिछले महीने जब टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह मुद्दा उठाया था तो मनोहर लाल खट्टर ने शिक्षा विभाग को कोर्स वितरित करने के लिए 8 जुलाई तक का समय दिया था. इस मसले को लेकर शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुरुआत में देरी इसलिए हुई क्योंकि हम कुछ विषयों का कंटेंट अपडेट कर रहे थे.आने वाले कुछ हफ्तों में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
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