Delhi Election 2025: 'दलित छात्रों को झूठे सपने दिखा गुमराह कर रहे AAP नेता', देवेंद्र यादव का आरोप
Delhi Poll 2025: देवेंद्र यादव के मुताबिक गरीबी के कारण दलित छात्र लगातार स्कूल छोड़ रहे हैं. सरकार को दलित वोट के नाम पर राजनीति के बदले सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने पर ध्यान देना चाहिए.
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दलित छात्रों को स्कॉलरशिप देने की घोषणा पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि झाडू को चुनाव चिन्ह बनाकर दलितों के कंधों के भरोसे सरकार बनाने वाले अरविंद केजरीवाल ने 11 वर्षों में कभी भी दलितों को पूरा हक नहीं दिया. धन और साधन की कमी के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ने को मजबूर दलित छात्रों को विदेश के सपने दिखाकर आम आदमी पार्टी सिर्फ वोट की राजनीति कर रही है.
उन्होंने कहा, 'आप सरकार को दलितों के विकास से कोई सरोकार नहीं है. साल 2014 के बाद एससी-एसटी छात्रों की स्कॉलरशिप लगभग खत्म करने वाले केजरीवाल को शायद दलित छात्रों की दयनीय स्थिति का ज्ञान नहीं है.'
एससी-एसटी के कल्याण का फंड कहां किया खर्च?
देवेंद्र के अनुसार उच्च शिक्षा महंगी करने और जय भीम प्रतिभा विकास कोचिंग छात्रवृति बंद करने वाले अरविंद केजरीवाल जनता के बीच दलितों के हितैषी बनने का ढोंग कर रहे हैं. दिल्ली की जनसंख्या में लगभग 40 प्रतिशत से अधिक दलितों की केजरीवाल हमेशा अनदेखी करते आए हैं. एससी-एसटी के कल्याण का फंड दूसरे कामों में खर्च कर छात्रों की स्कॉलरशिप तक खत्म कर दी गई. वहीं केजरीवाल वोट हासिल करने के लिए पूरा खर्च उठाने की बात कह कर दलितों को गुमराह कर रहे हैं.
देवेंद्र यादव ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में केजरीवाल सरकार की गलत शिक्षा नीति और परिणाम सुधार पॉलिसी के कारण लाखों छात्रों को स्कूल छोड़ने पर मजबूर किया गया. गरीबों के बच्चों को सपने दिखा रहे हैं कि बाबा साहेब विदेश में पढ़कर डिग्री हासिल की थी. वही काम अब हमारे दलित बच्चे करेंगे.
'AAP नेता बताएं कितने छात्रों को विदेश भेजा'
उन्होंने सवालिया लहजे में दिल्ली सरकार से पूछा है कि इनटर्नशिप के तहत कितने छात्रों को अभी तक विदेश भेजा? सरकारी नौकरियां और कोचिंग की बात तो दूर 10वीं और 12वीं के छात्रों की कोचिंग की व्यवस्था करने में सरकार विफल रही है।
'MCD में नहीं भरे गए खाली पद'
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के अनुसार दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाकर अनुबंधित और ठेके पर कर्मचारियों को रखा हुआ है. जबकि निगम और दिल्ली में हजारों सफाई कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति के लिए पद खाली पड़े हैं.