'दिल्ली की मेयर लें नवजात के मौत की जिम्मेदारी', MCD अस्पतालों में सुविधाओं की कमी पर देवेंद्र यादव का बयान
Delhi News: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि जच्चा बच्चा की सुविधाओं के लिए एशिया के सबसे बड़े कस्तूरबा अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरस्त रखने में MCD नाकाम साबित हो रहा है.
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Delhi Politics: दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार और दिल्ली नगर निगम की प्रशासनिक विफलताओं की वजह से दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. उन्होंने कहा कि मानूसन के अंतिम चरण में जलभराव के कारण जल जनित बीमारियों ने पांव फैलाना शुरू कर दिया है. डेंगू के 300 मामले सामने आ चुके हैं.
बावजूद इसके दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के अस्पतालों में संसाधनों की कमी का इतना अभाव है कि लोगों को जिंदगी की जगह मौत मिल रही है.
देवेन्द्र यादव ने कहा कि जच्चा बच्चा की सुविधाओं के लिए एशिया के सबसे बड़े कस्तूरबा अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरस्त रखने में दिल्ली नगर निगम पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है. बिजली न होने के कारण अस्पताल में भर्ती एक महिला का टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी कराना पड़ा. इसका नतीजा यह हुआ कि नवजात की मौत हो गई.
सुविधा न होने से दिल्ली की जनता परेशान
उन्होंने कहा कि दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय नवजात की मौत की जिम्मेदारी लें. उन्होंने कहा कि सिर्फ कस्तूरबा अस्पताल ही नहीं, निगम और दिल्ली सरकार के अन्य सभी अस्पतालों में भी मूलभूत सुविधाएं, पर्याप्त संसाधन और स्टॉफ की कमी है, जिसका भुगतान दिल्ली की जनता को जान गंवा करना पड़ रहा है.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि 24 घंटे बिजली देने का दावा करने वाली सीएम अरविंद केजरीवाल सरकार अगर निगम के अस्पताल में पर्याप्त बिजली मुहैया नहीं करा सकती, तो मुफ्त बिजली लेने वाले वर्ग के घरों में बिजली उपलब्धता की क्या हालत होगी, इसका अंदाला लगाया जा सकता है. यह पहला मौका नहीं है, जब सरकार की नाकामी के कारण कोई बच्चा मरा है. इससे पहले भी करंट लगने, बेसमेंट में डूबने, नाले में डूबने व इमारत गिरने से लगातार बच्चे और दिल्ली के लोग मर रहे हैं.
2023 में डेंगू के 16866 मरीज आए थे सामने
देवेन्द्र यादव ने कहा कि अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर में डेंगू के मामले अधिक संख्या में बढ़ते हैं, लेकिन दिल्ली नगर निगम के तीन अस्पतालों हिंदूराव, कस्तूरबा और स्वामी दयानन्द अस्पताल में सिर्फ 167 बेड रखना ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है. बीमारी के लिहाज से आने वाले कुछ महीने संवेदनशील हैं. सरकार को डेंगू की रोकथाम के लिए कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 2022 में डेंगू के 10,183 और नौ मौतें हुईं थी. जबकि 2023 में 16,866 केस और 19 मौतें हुईं.
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