Devender Yadav Reaction: लोकसभा चुनाव के बाद से राजधानी दिल्ली में कांग्रेस के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. वह आम आदमी पार्टी के साथ बीजेपी पर भी लगातार हमलावर बनी हुई है. दिल्ली वासियों की समस्याओं का जितना जिम्मेदार कांग्रेस आप को मानती है, उतना ही दोषी वह बीजेपी को भी ठहरा रही है. यही वजह है कि कांग्रेस ने बीजेपी और आप के बीच आये दिन होने वाली तकरार पर आक्रामक रवैया अपना रखा है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने आप और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राजधानी की मूल समस्याओं में शामिल जल संकट, जल भराव, गंदगी, और भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने की कोशिश में इन दोनों ही पार्टियों ने शिक्षकों के तबादले की साधारण प्रक्रिया को एक राजनीतिक इवेंट बना दिया है.
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद यादव ने आप पर निशाना साधते हुए कहा, "यह आश्चर्य की बात है कि उपराज्यपाल द्वारा इतनी बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के स्कूली शिक्षकों के तबादले की जानकारी शिक्षा मंत्री को नहीं है. यह दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था पर केजरीवाल सरकार की निष्क्रियता और अदूरदर्शिता को दर्शाता है."
उन्होंने कहा कि बीते 10 वर्षों में केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया. जबकि दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है. सेशन शुरू होने के समय किए गए शिक्षकों के तबादले से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है.
'छात्र-अभिभावक दोनों परेशान'
देवेंद्र यादव के मुताबिक आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच चल रही नूरा कुश्ती का खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब शिक्षा व्यवस्था में टीचरों के तबादले की प्रक्रिया गर्मी छुटियों के दौरान होनी चाहिए थी, उसे उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा सेशन शुरू होने के समय क्यों किया गया? इससे बच्चों को पढ़ाई का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इससे उनके अभिभावक भी परेशान हो रहे हैं.
'AAP पर लगाया शिक्षा का स्तर गिराने का आरोप'
कांग्रेस नेता ने दिल्ली सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि सर्वोच्च शिक्षा व्यवस्था की दुहाई देने वाली शिक्षा मंत्री शायद भूल गई हैं कि 10वीं और 12वीं के परिणाम में दिल्ली किस पायदान है. वे शिक्षा क्रांति की बात करती हैं. जबकि वास्तविकता यह है कि 10 वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर नीचे गिरा है. लाखों छात्रों के दिल्ली सरकार के स्कूल छोड़कर प्राईवेट स्कूलों में चले जाना ही उनकी शिक्षा क्रांति है.