Delhi Vegetable Price Hike: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेलगाम हो रही सब्जियों की बढ़ती कीमतों ने आम जनता के रसोई का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. रोजमर्रा के खाने में इस्तेमाल होने वाला आलू-प्याज भी आज लोगों को सोच-समझ कर खरीदना पड़ रहा है. दिल्ली में सब्जियों के दाम को लेकर अब सियासत भी शुरू हो चुकी है. दिल्ली कांग्रेस ने सब्जियों में महंगाई को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार पर हमला बोला है.


दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने केजरीवाल सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि राजधानी में सब्जियों के दामों में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी पर नियंत्रण करने में केजरीवाल की दिल्ली सरकार चौतरफा विफल रही है. दिल्ली सरकार की निष्क्रियता के कारण रोजमर्रा की रसोई में जरूरत पड़ने वाली प्याज आज 70 से 75 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है.  


40 रुपये से कम नहीं हुए आलू के दाम


देवेन्द्र यादव ने कहा कि अपनी उलझनों में उलझी आम आदमी पार्टी ने कभी जनता की परेशानियों को समझा ही नहीं. दिल्ली में प्याज 75 रुपये, टमाटर 80 रुपये, लहसन 240 रुपये, अदरक 200 रुपये, गोबी 160 रुपये के अलावा कोई भी हरी सब्जी 60 से 80 रुपये से कम नहीं है. जबकि हर दिन इस्तेमाल होने वाला आलू भी लोकसभा चुनाव से अभी तक 40 रुपये से कम नहीं हुआ है. 


प्याज की कीमतें हो रहीं दोगुनी


बीजेपी पर निशाना साधते हुए दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार की एजेंसी नेफेड 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज देने का दावा करती है, लेकिन नेफेड की गाड़ियों को गरीब बस्तियों और जरुरतमंद लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था नहीं की. बीजेपी जवाब दें कि दिल्ली की जनसंख्या के अनुपात में राजधानी में नेफेड कितनी वैनों में प्रतिदिन प्याज जनता को उपलब्ध करा रही है.


उन्होंने कहा कि जनता को आज तिगुने दामों में प्याज खरीदना पड़ रहा है. यादव ने सवालिया लहजे में कहा कि जब आजादपुर मंडी में प्याज 35 से 45 रुपये किलो की दर से पहुंच रहा है, तो जनता तक पहुंचने में इसकी कीमत दोगुनी कैसे हो जा रही है? दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग की सब्जी विक्रेताओं से कोई सांठगांठ है, जो निरंकुशता के साथ सब्जियों के दामों में वृद्धि हो रही है.


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