Delhi News: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (DCW Chief Swati Maliwal) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों के साथ गलत व्यवहार और भेदभाव करने के आरोप में राजधानी के एक निजी अस्पताल (Private Hospital) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. इस बारे में DCW की पूर्व सदस्य जूही खान ने आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी. जांच के दौरान शिकायत सही साबित होने के बाद आयोग ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ फैसला लिया था. दिल्ली महिला आयोग की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर स्थित मधुकर रेनबो हॉस्पिटल ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मरीजों के साथ भेदभाव कर रहा है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की पहचान कर उन्हें अस्पताल के बेसमेंट यानी कार पार्किंग में बैठाया जाता है. जबकि अस्पताल बेसमेंट में न तो बैठने की कोई उचित सुविधा है और न ही एयर कंडीशन. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला एवं बाल रोगियों को अमानवीय परिस्थितियों में बेसमेंट में बैठने के लिए मजबूर किया जाता है. अस्पताल पर यह भी आरोप लगा है कि ईडब्ल्यूएस मरीजों को नियमित डॉक्टरों के बजाय अलग-अलग डॉक्टरों द्वारा देखा जाता है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को नोटिस जारी किया था. साथ ही इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी थी. इसके बाद डीजीएचएस (DGHS) की एक टीम ने अस्पताल में औचक निरीक्षण किया. वहां कई खामियां देखीं. अस्पताल के प्रवेश और निकास द्वार पर ईडब्ल्यूएस डिस्प्ले बोर्ड गायब था. रिसेप्शन क्षेत्र पर निगरानी समिति के सदस्यों के नाम प्रदर्शित करने वाला बोर्ड भी गायब था. ईडब्ल्यूएस रोगी के इलाज के लिए डॉक्टर का कमरा बहुत छोटा था और परीक्षण के लिए मुश्किल से ही कोई जगह थी. ईडब्ल्यूएस रोगियों के लिए वेटिंग एरिया और ओपीडी काउंटर बिना किसी बुनियादी सुविधाओं या वहां तक पहुंचने के लिए उचित दिशानिर्देश और संकेतकों का प्रयोग नहीं किया गया था. इसके अलावा, ईडब्ल्यूएस ओपीडी रजिस्टर में मरीजों की पूरी जानकारी व कॉन्टैक्ट नंबर तक ठीक से दर्ज नहीं थे.
DCW ने जारी की चेतावनी
अस्पताल में देखी गई समस्याओं पर कार्रवाई करते हुए डीजीएचएस ने उन्हें सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. डीजीएचएस ने अस्पताल से प्रवेश और निकास द्वार पर ईडब्ल्यूएस बोर्ड और रिसेप्शन क्षेत्र में निगरानी समिति के नाम वाला बोर्ड लगाने को कहा है. साथ ही अस्पताल को ईडब्ल्यूएस और भुगतान श्रेणी के मरीजों के क्षेत्र को अलग करने की प्रथा को खत्म करने का निर्देश दिया है. उन्हें दोनों श्रेणियों के लिए वेटिंग एरिया समान रखने को कहा गया है. साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है कि ईडब्ल्यूएस मरीजों के इलाज की सुविधाएं भुगतान श्रेणी के मरीजों के बराबर होनी चाहिए. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि अगर अस्पताल डीजीएचएस के निर्देशों का पालन करने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीजीएचएस ने अस्पताल प्रशासन से कहा है कि ईडब्ल्यूएस और पेड श्रेणी के मरीजों के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने ये भी कहा है कि अगर राजधानी के अस्पतालों में किसी ईडब्ल्यूएस मरीज के साथ दुर्व्यवहार की सूचना मिली तो आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.