पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने प्रवेश वर्मा के समर्थन में की रैली, बोले- 'कुछ लोग मंदिर को छोड़कर मस्जिद में...'
Dhirendra Krishna Shastri News: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नई दिल्ली विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार के लिए लक्ष्मीबाई नगर के गणेश उत्सव पार्क में पहुंचे.

Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियों का प्रचार अभियान जोर-शोर से जारी है. इस बीच बागेश्वर बाबा के नाम से मशहूर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री नई दिल्ली विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार में पहुंचे. धीरेंद्र शास्त्री लक्ष्मीबाई नगर के गणेश उत्सव पार्क में पहुंचे. इस दौरान वहां बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा भी मौजूद रहे.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ''प्रयागराज की धरती से लंबी यात्रा करके कन्या विवाह का निमंत्रण बांट रहे हैं. हम आप सबसे मिलने और कन्या विवाह का निमंत्रण देने के साथ हिंदू-हिंदी और हिंदुस्तान को बचाने आए हैं. आप सबके पूरे परिवार के ऊपर हनुमान जी कृपा बनी रहे.''
हर व्यक्ति को हिंदुत्व पर गर्व हो- धीरेंद्र शास्त्री
उन्होंने आगे कहा, ''हनुमान जी का प्रताप चारों युगों में हैं. हिंदुओं को आंदोलन नहीं, आंदोलित करना है. प्रत्येक व्यक्ति को हिंदुत्व पर गर्व हो. जब तक प्राण रहते हैं, तब तक आंदोलित किया जा सकता. समस्याओं का पता लगाने से समाधान मिल जाएगा. दुनिया को बदलने के पहले देश और देश से पहले राज्य और राज्य से पहले जिला को बदलना होगा. घर को बदलने से पहले खुद को बदलना होगा.
आंखों पर जैसा चश्मा वैसा नजारा-धीरेंद्र शास्त्री
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ''आंखों पर जैसा चश्मा वैसा नजारा. दिल्ली वालों सुनों- भारत के लोगों को गुरु बनाना चाहते हैं. सारा खेल आंखों का है. दिल्ली वाले महान होते हैं. घोड़े को चश्मा लगाते ही सूखी घास हरी नजर आने लगी. देखने की कला बदलेंगे तो समस्या का समाधान हो जाएगा. तन बदलते हैं लेकिन मन नहीं बदलते हैं. दुनिया को बदलने से पहले खुद को बदलो. गाली देने वाले को सेम टू यू बोलना है. वो एक दिन सुधर कर चरणों में आ जाएगा.''
मन के हारे हार, मन के जीते जीत-धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर बाबा ने आगे कहा, ''कपड़े बदलते मन नहीं बदलते. मंदिर बदलते हैं. कुछ लोग मंदिर को छोड़कर मस्जिद में घुस जाते हैं और हाथ जोड़ लेते हैं. दुनिया बदलने के पहले खुद को बदलना है. मन के हारे हार मन के जीते जीत. गरीबी में पढ़ने वाला अमेरिका का राष्ट्रपति बन जाता है, अगर नरेद्र स्वामी विवेकानंद बन सकता है.
हनुमान जी सब संभव करवा सकते हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि नेताओं की प्रॉब्लम होती है कि कहीं कुर्सी ना खिसक जाए. हमें तो जय बजरंग बली कहना है. कुछ हिंदू हलिबुल्ला के पास जा रहे. कहीं जाने की जरूरत नहीं. प्रयागराज में वक्फ की जमीन को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उन्हें बोल दो कि ये अब्बा की नहीं बब्बा की है.''
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