Delhi News: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को दिल्ली, पंजाब और एनसीआर के पर्यावरण मंत्रियों के साथ पराली जलाने और वाहनों, औद्योगिक और धूल के प्रदूषण पर रोक लगाने को लेकर चर्चा की. सर्दी से पहले दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट देखी गई है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान ऐसे राज्य हैं जिनके कुछ हिस्से एनसीआर में आते हैं. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर चर्चा हुई. नए नियम के तहत ग्रैप लागू होने पर सिर्फ आपात स्थिति में ही डीजल जेनरेटर का प्रयोग किया जा सकेगा.
प्रदूषण कंट्रोल को लेकर मिल-जुलकर कर करना होगा काम
बैठक के बाद अधिकारियों ने बताया कि बैठक में एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए राज्यों द्वारा किये गए उपायों को लेकर चर्चा की गयी और सभी राज्यों को मिलजुलकर प्रदूषण प्रबंधन की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. एनसीआर में नगरपालिका के ठोस कचरे और खुले बायोमास को जलाने पर नियंत्रण और उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने पर भी चर्चा हुई. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) ने बैठक में बताया कि वायु प्रदूषण के प्रबंधन और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियों और राज्य सरकारों के साथ बैठकें की गई हैं.
इस बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर, राजस्थान के पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, यूपी के पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार, पंजाब के पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीट और केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे उपस्थित रहे.
हरियाणा सरकार खरीदेगी एमएसपी पर पराली
हरियाणा में अभी तक पराली जलाने की 83 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसके स्थाई समाधान के लिए हरियाणा सरकार पराली को एमएसपी पर खरीदने की योजना बना रही है. इससे न केवल किसानों को सीधा लाभ होगा, बल्कि प्रदूषण पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा. जल्द ही थर्मल प्लांट में 20 लाख मीट्रिक टन टॉरिफाइड बायोमास पेलेट्स के उपयोग के लिए भी टेंडर जारी किया जाएगा. सीएम मनोहर लाल खट्टर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में यह जानकारी दी.
बैठक में राज्यों ने रखी अपनी बात
वहीं इस बैठक में राज्य सरकारों के अधिकारियों ने बताया कि किसानों फसल के अवशेषों को न जलाएं इसके लिए वे किसानों को इन-सीटू तरीकों को बढ़ावा देने के लिए मशीनरी प्रदान कर रहे हैं.
दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य को लेकर नियम सख्त
दिल्ली, हरियाणा, यूपी में 500 वर्ग मीटर की परियोनाओं का वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, इसके अलावा उन्हें धूल नियंत्रण के मानदंडों का पालन करने को कहा गया है. बैठक में निर्माण क्षेत्र पर एंटी स्मॉग गन लगाने एवं वाहनों से होने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.
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