Dilip Pandey News: दिल्ली की तिमारपुर विधानसभा सीट से विधायक दिलीप पांडेय ने नाराजगी की खबरों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल से कोई मतभेद दिखाना चाहते हैं, तो हवा में नाव चला रहे हैं आप - मैं कहीं नहीं जा रहा.
उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए दरी बिछाने से लेकर, तिहाड़ और फिर विधानसभा जाने तक का सफ़र तय किया है, आप में से कोई भी भाई, साथी पार्टी ऑफिस में आ कर मुझसे मिल सकते हैं.
सिसोदिया ने कहा?
दिलीप पांडेय को लेकर पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम के बीच का रिश्ता पारंपरिक राजनीति के ‘पद, पैसा और प्रतिष्ठा’ से परे है. इसे वे कभी नहीं समझ सकते जिनकी राजनीति इन्हीं तक सीमित है.''
सिसोदिया ने कहा, ''दिलीप पांडेय का अरविंद जी और AAP के लिए जो समर्पण और विश्वास है, वो एक नई राजनीति का चेहरा है—जहां नेतृत्व और कार्यकर्ता के बीच रिश्ता सिर्फ संगठन का नहीं, बल्कि मूल्यों और उद्देश्य का है. यही बदलाव की राजनीति है जो देश को अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में मिली है.''
दिलीप पांडेय ने क्या कहा?
आप नेता ने कहा कि देश में जब अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था, तो मैं दूर परदेस में बैठा था. मेरे लिए सब छोड़कर आने की इकलौती वजह ‘मां भारती’ के प्रति मेरा अथाह प्रेम और सम्मान था- वो प्रेम और सम्मान समय के साथ बढ़ता गया और मैंने अपने परिवार से पहले देश को और संगठन को रखा. आज भी उसमें रत्ती भर की कमी नहीं आई है. कल देखा मैंने, अचानक से एक कैंपेन शुरू हो गया, जिसमे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि मैं पार्टी या अपने नेता अरविंद जी के प्रति असंतोष और नाराज़गी से भरा हूं.''
दिलीप पांडेय ने कहा, ''ये पढ़कर पहले तो मुझे हँसी आई, और लगा की इसे नज़रअंदाज़ कर दूँ. मगर मेरी चुप्पी के भी कई कयास लगाए जा सकते हैं, इसलिए यह बड़े अफ़सोस के साथ लिखना पड़ रहा है. मैं पहली और आखिरी बार स्पष्ट कर रहा हूं कि भले ही आप अरविंद केजरीवाल के या आम आदमी पार्टी के शुभचिंतक हैं, या फिर मेरे अपने साथी हैं, ये तीनों बातें बिल्कुल एक हैं. हमारा हित और अहित एक है.''
उन्होंने कहा, ''अगर आप मुझसे कोई निजी बैर निकालने के लिए भी, या सिर्फ़ मज़े के लिए (या किसी ने आपको कोई कहानी सुना कर फुसलाया है), मुझमें और अरविन्द भाई में कोई मतभेद दिखाना चाहते हैं, तो हवा में नाव चला रहे हैं आप - मैं कहीं नहीं जा रहा, पार्टी के लिए दरी बिछाने से लेकर, तिहाड़ और फिर विधानसभा जाने तक का सफर तय किया है, आप में से कोई भी भाई, साथी पार्टी ऑफिस में आ कर मुझसे मिल सकते हैं. मैं सच्चाई के रास्ते पर चलकर सदैव देश हित में काम करता रहूँगा, उसके आगे निजी पद या प्रतिष्ठा मामूली बात है.''
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