Diwali 2023: दीपों के त्योहार दीपावली को लेकर हर आयु और वर्गों के लोगों में खासा उत्साह रहता है और लोग इस रौशनी और खुशहाली के त्योहार को बड़े ही हर्ष के साथ मनाते हैं. इसके लिए तैयारियों का सिलसिला साफ-सफाई से शुरू होता है और फिर त्योहारी खरीदारी, सजावट और पूजा-पाठ के साथ इस त्योहार का समापन होता है. इस बार धनतेरस के मौके पर दिल्ली में जहां 15 हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार दिल्ली के व्यापारियों ने किया तो वहीं दीपावली के त्योहार को लेकर कुल एक लाख करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान दिल्ली के व्यापारी लगा रहे हैं, जो कोरोना काल के बाद व्यापारियों के लिए एक शुभ सकेंत और बड़ा मौका माना जा रहा है.
इस त्योहार के लिए दशहरे के आसपास से ही खरीदारी शुरू हो जाती है, जो दीवाली के बाद छठ-पूजा और फिर 27 नवंबर को होने वाले तुलसी पूजा के दिन तक जारी रहता है. इस बीच 23 नवंबर से शादियों के सीजन की भी शुरुआत हो रही है, जिसके लिए भी लोगों द्वारा खरीदारी की जा रही है. व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, दिवाली उत्सव के कारोबार में दिल्ली में 1 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है. धन के इस पर्याप्त प्रवाह से व्यापारिक समुदाय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिलने की भी उम्मीद है.
स्वदेशी उत्पादों की हो रही खूब बिक्री
सीटीआई के मुताबिक इस वर्ष दिवाली में भारतीय उत्पादों की बिक्री और खरीद पर ही ज्यादा जोर है, जिसके कारण चीन के व्यापार को जबरदस्त झटका लगने की संभावना है. गलवान की घटना के बाद भारतीय ग्राहकों ने अब चीनी सामान मंगाना छोड़ दिया दिया है यही वजह है कि भारतीय उत्पादों की मांग के साथ बिक्री में काफी उछाल आया है. भारत में निर्मित उत्पादों विशेष रूप से घर की सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे पारंपरिक सौभाग्य के प्रतीक, देवी लक्ष्मी औरर श्री गणेश जी की पूजा का सामान, घर की सजावट का सामान जो स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों की तरफ से बनाई गई हैं, देश भर में बड़े स्तर पर व्यापार किया जा रहा है. वहीं इस बार दिल्ली के मशहूर भागीरथ प्लेस मार्केट में भी भारत निर्मित लड़ियों, झालर, लाइटिंग का सामान आदि में भी भारतीय सामानों की जबरदस्त बिक्री हो रही है.
इन उत्पादों की खूब हो रही मांग
इसके अलावा एफएमसीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण और सामान, रसोई के सामान और अन्य उपकरण, उपहार की वस्तुएं, व्यक्तिगत उपभोग्य वस्तुएं, मिष्ठान्न-नमकीन, होम फर्निशिंग, कपड़ा, रेडीमेड वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, जूते, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्स वस्त्र, वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य उत्पाद, मोबाइल और उसके सहायक उपकरण, लकड़ी और प्लाईवुड, पेंट और कांच, दूध और दूध उत्पाद, डेयरी उत्पाद, किराना, खाद्यान्न, खाद्य तेल, दालें, साइकिल और उसके सामान, दीवार घड़ियां गोटा-जरी, साड़ी और ड्रेस मटेरियल आदि क्षेत्रों में बड़े व्यापार की संभावना है.
ऑटोमोबाइल सेक्टर में आया उछाल
बात करें ऑटोमोबाइल क्षेत्र की तो एक शीर्ष संगठन द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, नवरात्रि की अवधि के दौरान ऑटोमोबाइल की कुल खुदरा बिक्री में 57% की भारी वृद्धि हुई. वाहनों की सभी श्रेणियों में टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, वाणिज्यिक वाहन,निजी वाहन और ट्रैक्टरों में क्रमशः 52%, 115%, 48%, 70% और 58% की अत्यधिक उच्च वृद्धि हुई है. एक अनुमान के अनुसार दिवाली त्योहार की अवधि के दौरान छोटे से लेकर उच्च श्रेणी के सभी प्रकार की वस्तुओं के लगभग 5 करोड़ उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, जो दिवाली उत्सव की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
शादी-समारोह की खरीदारी
इसके अलावा शादी-समारोह के लिए बुक किये जा रहे होटल एवं बैंक्वेट एसोसिएशन्स, रेस्टोरेंट एवं माॅल एसोसिएशन्स, सिनेमा एसोसिएशन्स, शाॅपिंग सेंटर एसोसिएशन, कार डीलर्स एसोसिएशन्स, मेकअप एवं सैलून एसोसिएशन्स, टूर एंड ट्रेवल एसोसिएशन , मार्केट एसोसिएशन्स, इंडस्ट्री एसोसिएशन्स आदि का भी इस कारोबार में बड़ा योगदान है.
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