Delhi Chimney Tower: राजधानी दिल्ली के राजघाट स्थित बिजली संयंत्र का चिमनी टावर जिसकी ऊंचाई एतिहासिक कुतुब मीनार के मुकाबले ढाई गुना ऊंची है. उसे प्रकाश स्तम्भ के रूप में तब्दील किया गया है, जिसका उद्घाटन उपराज्यपाल वी.के सक्सेना (VK Saxena) ने बीते शुक्रवार को किया था. इस प्रकाश स्तम्भ को कुतुब मीनार की तरह ही रंग-बिरंगी लाईटों से सजाया गया है और एक कदम आगे बढ़ाते हुए इस पर दुबई के "बुर्ज खलीफा" की तर्ज पर बधाई संदेश, सरकारी संदेश आदि प्रसारित किए जा सकेंगे. इस रंग-बिरंगे प्रकाश स्तम्भ की रौशनी को काफी दूर से ही देखा जा सकता है.
बता दें कि राजघाट स्थित बिजली संयंत्र की 1989 में स्थापना की गई थी, जिसे कोयला चालित होने के कारण वर्ष 2015 में बंद कर दिया गया था और तब से यह टावर बेकार पड़ा था. इसे तोड़ने का निर्णय किया गया था, लेकिन इस पर आने वाले एक बड़ी लागत और इसके ध्वस्तीकरण के कारण फैलने वाले धूल प्रदूषण के साथ इससे निकलने वाले मलबे का निस्तारण बड़ी समस्या थी. इस कारण बीते फरवरी महीने में संयंत्र का दौरा करने पहुंचे उपराज्यपाल ने इसे दिल्ली के लोगों के लिए स्थापी संपत्ति में बदलने का निर्णय किया, जिसके बाद इस चिमनी टावर को प्रकाश स्तंभ का रूप दिया गया.
कुतुब मीनार से ऊंची है ये टावर
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस प्रकाश स्तम्भ के उद्घाटन के मौके पर कहा कि, सूचना और मनोरंजन का स्थान बनाने हेतु बिजली उत्पादन संयंत्र को जनता के लिए 5D अनुभव के रूप में प्रदर्शित करने के लिए प्रयोग किया जाएगा. उन्होंने बताया कि, रोशनी से जगमगाती हुई 72.5 मीटर ऊंची कुतुबमीनार की तुलना में राजपाट बिजली संयंत्र की 166 मीटर ऊंची यह चिमनी कुतुबमीनार से लगभग सवा दो गुना अधिक ऊंची है. इसे प्रभावी तरीके से रोशन करने में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को कई तकनीकी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा.
बधाई संदेश और विज्ञापन किये जा सकेंगे प्रसारित
डीडीए (DDA) ने इस चिमनी और आसपास के क्षेत्र को ऊर्जा विभाग से फिलहाल छह महीनों के लिए लिया है लेकिन आगे चलकर इसे लंबे समय के लिए लेने की योजना है. इस योजना के अनुसार इसे एक दर्शनीय स्थल बनाया जाएगा. वहीं डीडीए इस पर बधाई संदेश और विज्ञापन आदि देने के लिए भी योजना तैयार कर रहा है. इस पर लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के जन्मदिन एवं बधाई संदेश प्रसारित करवा सकेंगे जो कई किमी दूर से दिखेंगे. देंगे. इसके अलावा यहां से जन जागरूकता के लिए सरकारी और गैर सरकारी विज्ञापन भी प्रसारित किए जाएंगे. इसे लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनाए के साथ एक लैंड मार्क के रूप में भी विकसित करने की योजना है.
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