Diwali 2023: दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में 32 फीसदी परिवार पटाखे फोड़ने का बना रहे प्लान, सर्वे में बड़ा खुलासा
Local Circles Survey: लोकल सर्कल्स की ओर से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के 9000 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण में पता चला कि 43 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जो पटाखे नहीं फोड़ने चाहते हैं.
Delhi-NCR News: दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों प्रदूषण का कहर जारी है. वहीं दिवाली (Diwali 2023) भी नजदीक है, ऐसे में दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया, जिससे प्रदूषण में बढ़ोतरी न हो. इस बीच एक सर्वे से हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. दिल्ली-एनसीआर के करीब 32 प्रतिशत परिवार दिवाली पर पटाखे चलाने की योजना बना रहे हैं, जबकि 43 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जो प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं, इसलिए पटाखों का प्रयोग नहीं करना चाहते.
यह खुलासा सामुदायिक सोशल मीडिया मंच पर किए गए सर्वेक्षण में हुआ है. ‘लोकल सर्कल्स’ की ओर से दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के 9000 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के 32 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जो पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर लगी रोक के बावजूद संभव है कि पटाखे जलाएं.
कहां से पटाखे खरीद रहे लोग?
सर्वेक्षण के मुताबिक अध्ययन में शामिल कई निवासियों का मानना है कि पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली अक्टूबर के आखिर से नवंबर के शुरुआत में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की कारण है. रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘खबरों के मुताबिक पड़ोसी राज्यों, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पटाखों की बिक्री पर रोक नहीं है. पिछले कुछ सालों से दिल्ली के निवासी इन राज्यों से पटाखों की खरीद कर रहे हैं.’’
रिपोर्ट मे और क्या कहा गया?
रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा स्थिति प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है क्योंकि ‘‘ वे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का दीर्घकालिक समाधान तलाशने में अक्षम है जो गत एक दशक से उनकी विश्वसनीयता को प्रभावित कर रही है.’’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ऐसे में पटाखों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने और जागरूकता अभियान का विस्तार करना आवश्यक है ताकि इस दिवाली पर पटाखे जलाने को नियंत्रित किया जा सके.
प्रदूषण का स्तर सात से आठ गुना ज्यादा
लोकल सर्कल्स की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले साल के आंकड़े दिखाते हैं कि दिवाली के अगले दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में उसके पूर्ववर्ती दिन के मुकाबले 100 से 300 अंक तक की उल्लेखनीय वृद्धि हुई. दिल्ली-एनसीआर में सोमवार की सुबह प्रदूषण का स्तर सरकार की ओर से तय सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना तक अधिक रहा और लगातार सातवें दिन वातावरण में जहरीली धुंध छाई रही.
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