Delhi News: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में मारपीट की घटना के बाद से पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है. मौके पर पैरामिलिट्री फोर्स को डिप्लॉय किया गया है. पुलिस के आला अधिकारी भी गश्त पर हैं. जामिया प्रशासन ने बीते दिन हुई हिंसा को देखते हुए छात्रों के दीवाली सेलिब्रेशन पर रोक लगा दी थी.
पुलिस प्रशासन ने भी रोक रात 8:30 बजे तक नहीं हटाई. छात्र रोक का पुरजोर विरोध पूरे दिन करते रहे. संवैधानिक हक का हवाला देते हुए पुलिस से दीवाली मनाने की इजाजत मांगी गई.
छात्रों को दीवाली सेलिब्रेशन की इजाजत कुछ देर के लिए दी गई. छात्रों ने पुलिस की कड़ी सुरक्षा और निगरानी के बीच दिए जलाए. एक दूसरे को लड्डू खिलाकर दीवाली का उत्सव मनाया और जय श्री राम के नारे भी लगाए.
बता दें कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दीवाली सेलिब्रेशन के दौरान दो गुटों की तनातनी देखते देखते मारपीट में बदल गयी. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि कुछ छात्रों ने कार्यक्रम में पहुंच कर 'फिलिस्तीन जिंदाबाद' और 'अल्लाह हू अकबर' नारे भी लगाए.
जामिया यूनिवर्सिटी में मारपीट की घटना पर क्या बोले छात्र?
बता दें कि राष्ट्रीय कला मंच नामक सामाजिक संस्था ने 'ज्योतिर्मय 2024' का आयोजन किया था. ज्योतिर्मय 2024 के तहत संगीत, रंगोली प्रतियोगिता और दीये जलाने का कार्यक्रम आयोजित हुआ. आरोप है कि कुछ लोगों ने समारोह का विरोध किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान इस्लामी नारे लगाए गए. कुछ देर बाद छात्रों के दो गुटों में मारपीट हुई. मारपीट की तस्वीरें तेजी से वायरल हो गईं. चश्मदीदों ने बताया कि कई लोग कैंपस में बाहर से आए थे. उन्होंने माहौल को खराब करने की कोशिश की.
हालांकि वीडियो की जांच के बाद पता चलेगा कि शांति भंग करने वाले कौन हैं. बातचीत में छात्रों ने आरोप लगाया कि उसने दिए प्रज्वलित किए थे. कुछ लोगों ने दियों के ऊपर पानी डाल कर बुझाया और रंगोली को भी पैर से रौंद दिया. उसके बाद मारपीट शुरू हो गई. दूसरा छात्र बताता है कि कुछ लोग कैंपस में बाहर से आ थे. उन्होंने माहौल को खराब किया. लिहाजा मामले की जांच होनी चाहिए.
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