Diwali Firecrackers: दिवाली के त्योहार को लेकर सभी आयु वर्ग के लोगों में खास उत्साह रहता है, विशेष तौर पर युवाओं और बच्चों में इस त्योहार को लेकर अलग ही जोश देखने को मिलता है. दीपों के इस त्योहार में जहां हर तरह रौशनी होती है, तो वहीं इस दिन आतिशबाजी भी खूब होती है.
भले ही दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा रखा है, बावजूद इसके लोग पटाखों की खरीद-बिक्री कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी दिल्ली में या फिर किसी और शहर से चोरी-छिपे पटाखे खरीद कर मेट्रो से सफर करने के बारे में सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि आप न केवल दिल्ली सरकार के प्रतिबंध बल्कि डीएमआरसी के नियमों की भी अवहेलना कर रहे हैं.
मेट्रो में पटाखों को लेकर सफर करना प्रतिबंधित
दिवाली के अवसर पर पटाखों की खरीदारी और उपयोग को लेकर दिल्ली मेट्रो और दिल्ली सरकार ने महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं. दिल्ली मेट्रो में पटाखों की एंट्री बैन है, जबकि दिल्ली सरकार ने पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.
अगर यह प्रतिबंध नहीं भी होता तो भी आप पटाखे लेकर मेट्रो से यात्रा नहीं कर सकते. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने स्पष्ट किया है कि मेट्रो में पटाखे या कोई भी ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा नहीं की जा सकती है. यह नियम यात्रियों की सुरक्षा और मेट्रो सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक है.
मेट्रो प्रशासन ने यह भी क्लियर किया है कि कोई भी ज्वलनशील पदार्थ के अलावा अगर खिलौना पिस्टल भी कोई मेट्रो परिसर में लेकर आता है तो सबसे पहले उस पिस्टल को जब्त किया जाएगा और कार्रवाई करते हुए उस शख्स को डिटेन कर पूछताछ की जाएगी. पुलिस द्वारा पूछताछ में संतुष्ट भरा जवाब देने के बाद ही उन्हें रिलीज किया जाएगा.
खरीद-बिक्री पर जुर्माने के साथ हो सकती है जेल
बता दें कि दिल्ली सरकार ने भी दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा. यह प्रतिबंध दिल्ली में फैल रहे प्रदूषण को कम करने के लिए लिया गया है. प्रतिबंध के बावजूद पटाखे जलाने पर 6 महीने तक की जेल और 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा, अगर कोई पटाखों की बिक्री, उत्पादन, या भंडारण करता पाया गया तो उसपर 5000 रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की जेल हो सकती है. ऑनलाइन बिक्री और डिलीवरी भी इस प्रतिबंध के तहत आती है.
दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे प्रदूषण कम करने में सहयोग करें और पटाखों का उपयोग न करें. इसके बजाय, वे अन्य तरीकों से दिवाली का जश्न मनाएं.