Dragonfly Survey In Delhi: दिल्ली के यमुना, अरावली, नीला हौज, तिलपथ घाटी, कमला नेहरू रिज, तुगलकाबाद और कालिंदी कुंज इलाके में तीन दिवसीय ड्रैगनफ्लाई और डैमसेल्फी का सर्वेक्षण किया गया. ये सर्वेक्षण 18 से 20 सितंबर के दौरान सात डीडीए जैव विविधता पार्कों में किए गए. तीन दिवसीय ड्रैगनफ्लाई और डैमसेल्फी सर्वेक्षण में पिछले वर्षों की तुलना में प्रजातियों की संख्या में मामूली कमी और मक्खियों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली.


दिल्ली में ड्रैगनफ्लाई सर्वेक्षण जिन इलाकों में किया गया उनमें प्रमुख यमुना, अरावली, नीला हौज, तिलपथ घाटी, कमला नेहरू रिज, तुगलकाबाद और कालिंदी कुंज शामिल है.


2022 की तुलना में 10 गुना ज्यादा मक्ख्यिां


इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के कमला नेहरू रिज में 3,150 मक्खियां दर्ज की गईं, जो 2022 में दर्ज की गई संख्या (391) से दस गुना ज्यादा है. शनिवार को डीडीए जैव विविधता पार्कों प्रशासन की ओर से जारी बयान के अनुसार यह वृद्धि इस वर्ष क्षेत्र में अनुभव किए गए विस्तारित मानसून मौसम से निकटता से संबंधित है, जिसके कारण प्रजनन और आवास उपलब्धता के लिए अधिक अनुकूल परिस्थितियां बनी हैं. 


सभी जैव विविधता पार्कों में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली ड्रैगनफ्लाई वांडरिंग ग्लाइडर और डिच ज्वेल थीं. यह उनकी "सहिष्णुता की व्यापक सीमा" और दिल्ली के शहरी परिदृश्य में उनके लिए उपयुक्त आवास का संकेत है.


नीला हौज की संख्या में गिरावट


यमुना जैव विविधता पार्क में 21 प्रजातियां दर्ज की गईं, जो पिछले साल के बराबर ही थीं. अरावली जैव विविधता पार्क और तुगलकाबाद जैव विविधता पार्क में मामूली गिरावट देखी गई, क्योंकि पिछले वर्षों की गणना क्रमशः 11 और 14 की तुलना में यह क्रमशः 10 और 12 थी. नीला हौज में प्रजातियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई और यह 13 से घटकर केवल पांच रह गई. 


प्रजातियों की संख्या में बढ़ोतरी


कालिंदी जैव विविधता पार्क में प्रजातियों की संख्या में वृद्धि देखी गई, जहां पिछले साल केवल आठ की तुलना में इस साल 14 दर्ज की गईं. कमला नेहरू रिज में प्रजातियों की संख्या समान रही, जहां दोनों वर्षों में यह 25 थी. तिलपथ घाटी में प्रजातियों की संख्या में मामूली वृद्धि देखी गई क्योंकि पिछली संख्या पांच से सात प्रजातियां दर्ज की गईं.


इन इलाकों में पनपते हैं ड्रैगनफ्लाई और डैमसेल्फी


ड्रैगनफ्लाई और डैमसेल्फी आर्द्रभूमि के वातावरण में पनपते हैं और लंबे समय तक बारिश ने अल्पकालिक आर्द्रभूमि के निर्माण में इस बार योगदान दिया है. जलीय आवासों की उपलब्धता को बढ़ाया गया है. यमुना जैव विविधता पार्क के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. फैयाज खुदसर ने बताया कि लंबे समय तक बारिश ने अल्पकालिक आर्द्रभूमि के निर्माण में योगदान दिया है और जलीय आवासों की उपलब्धता को बढ़ाया है.


डॉ. फैयाज ने कहा, "जलीय आवासों की बढ़ी हुई संख्या एक अच्छा संकेत है. ड्रैगनफ्लाई एक प्राकृतिक कीट नियंत्रक के रूप में कार्य करती है." इस खोज को लेकर उन्होंने कहा, "परिस्थितियों ने न केवल उच्च प्रजनन दरों का समर्थन किया है, बल्कि नवजातों और वयस्कों के लिए पर्याप्त संसाधन भी प्रदान किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या का आकार बढ़ा है. "  


दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच ड्रैगनफ्लाई के घनत्व में वृद्धि न केवल कुछ राहत देती है बल्कि मानव जीविका और अस्तित्व के लिए इन छोटे जीवों के संरक्षण के महत्व को भी उजागर करती है."


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