Delhi Drug Racket Busted: दिल्ली की स्पेशल सेल पुलिस की टीमों ने बड़ी कमायाबी हासिल करते हुए प्रतिबंधित मादक पदार्थो की तस्करी में लिप्त इंटरनेशनल सिंडिकेट के चार अहम सदस्यों को गिरफ्तार किया है. साथ ही आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 40 करोड़ रुपये की हेरोइन और अफीम बरामद की है, जिसे म्यांमार से तस्करी कर असम के रास्ते दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के इलाकों में सप्लाई किया जाना था. स्पेशल सेल पुलिस ने दो अलग-अलग ऑपरेशन में इन तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान, मणिपुर के इम्फाल के एमडी. इरफान, राजस्थान के चुरू के ओंकार मल, जलौर के ओम प्रकाश उर्फ फौजी और झुंझुनू के विकास पारीक के रूप में हुई है.
पुलिस ने कहा है कि आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 02.7 किलोग्राम फाइन क्वालिटी की हेरोइन और 100.338 किलोग्राम अफीम के साथ तीन गाड़ियां भी बरामद की है, जिनमें बनाए गए कैविटी के अंदर छुपा कर इन मादक पदार्थों को दिल्ली तक लाया गया था. इसे आगे दिल्ली-एनसीआर सहित राजस्थान और पंजाब में सप्लाई किया जाना था.
स्पेशल सेल की कई टीमें कर रही थी काम
स्पेशल सेल के डीसीपी आलोक कुमार ने बताया कि टीम लगातार दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में ड्रग्स की तस्करी में लिप्त नॉर्थ ईस्ट स्टेट बेस्ड सिंडिकेट का पर्दाफाश करने के लिए प्रयासरत थी. इसके लिए साउथर्न रेंज के एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर रणजीत सिंह, संजीव कुमार, सतविंदर सिंह और यमुना पार रेंज के एसीपी कैलाश बिष्ट के साथ-साथ राहुल कुमार के देखरेख में इंस्पेक्टर सुनील कुमार की टीमों का गठन किया गया था. पुलिस टीमें सूत्रों को सक्रिय कर तस्करों के मूवमेंट के बारे में जानकारियों को विकसित करने में लगी हुई थीं.
20 करोड़ की हेरोइन के साथ एक तस्कर गिरफ्तार
इसी क्रम में स्पेशल सेल ट्रांस यमुना रेंज की टीम को 25 मार्च को गुप्त सूत्रों से ड्रग्स तस्करी कर लाए जाने की सूचना प्राप्त हुई. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए पुलिस टीम ने गाजीपुर गोल चक्कर के पास आनंद विहार आईएसबीटी की तरफ जाने वाले रास्ते पर ट्रैप लगा कर ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो गाड़ी से वहां पहुंचे एमडी. इरफान को दबोच लिया. गाड़ी की तलाशी में डोर पैनल और स्टेपनी के पास बनाए गए कैविटी के अंदर छुपा कर रखे गए साबुन के 224 बॉक्स से 2.7 किलोग्राम फाइन क्वालिटी की हेरोइन बरामद की गई, जिसे गाड़ी सहित जब्त कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. जब्त की गई हेरोइन की कीमत 20 करोड़ रुपये के आसपास बताई जा रही है. बरामद हेरोइन म्यांमार बॉर्डर से मणिपुर के रास्ते तस्करी कर दिल्ली तक लाया गया था.
महिला मास्टरमाइंड के इशारे पर करता था काम
पूछताछ में आरोपी तस्कर ने बताया कि हेरोइन के खेप वाली गाड़ी को मणिपुर से आसाम के रास्ते वो दिल्ली लेकर आता था. इसके लिए उसे प्रति फेरे 20 हजार रुपये मिलते थे. उसने बताया कि वो और उसका भाई, मणिपुर के इम्फाल स्थित मयांग में ट्रक जैसे हेवी व्हीकल की बॉडी बनाने का काम करते हैं. जहां मयांग का ही रहने रौशन नाम का शख्स मरम्मत के काम के लिए आया करता था, जिसने उनकी मुलाकात एक महिला वेंएलहिंग किपगें से करवाई, जो कंगपोकपि कि रहने वाली है.
गुवाहाटी में भी की ड्रग्स के खेप की डिलीवरी
पुलिस के मुताबिक महिला ने उसे गाड़ी में ड्रग्स छुपा कर तस्करी करने का लालच दिया. इस पर पैसे की लालच में उसने हामी भर दी. उससे बरामद गाड़ी को कुछ दिनों पहले कंगपोकपि में किपगें ने ही दिया था. इससे पहले वो 2-3 बार असम के गुवाहाटी में राजू नाम के शख्स को ड्रग्स के खेप की डिलीवरी कर चुका है, जबकि उससे बरामद हेरोइन को वेंएलहिंग किपगें के सहयोगी को दिल्ली में डिलीवर किया जाना था.
20 करोड़ की 100 किलो अफीम के साथ 3 हुए गिरफ्तार
वहीं एक दूसरे ऑपरेशन में स्पेशल सेल साउथर्न रेंज की टीम ने एक इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का खुलासा करते हुए तीन ड्रग तस्करों को उस वक्त गिरफ्तार करने में कमायाबी पाई, जब वो मणिपुर से अफीम की खेप लेकर दिल्ली पहुंचे थे. गिरफ्तार तस्करों से कुल 100.340 किलोग्राम फाइन क्वालिटी की अफीम और दो गाड़ियां बरामद की गई, जिसकी कीमत 20 करोड़ रुपये के आसपास बताई जा रही है.
एक ट्रक सहित 70 किलो अफीम को पकड़ा
साउथर्न रेंज की टीम ने गुप्त सूत्रों से प्राप्त विशिष्ट सूचना के आधार पर सरिता विहार के पास ट्रैप लगाया, जहां पुलिस टीम ने गाजियाबाद की तरफ से कालिंदी कुंज मेट्रो पिलर नंबर 193 के पास अफीम की बड़ी खेप की ले कर पहुंचे ओंकार पाल को टाटा कैंटर गाड़ी के साथ घेर कर दबोच लिया. गाड़ी की गहन तलाशी ली गई, जिसमें फ्यूल टैंक के पास बनाए गए स्पेशल कैविटी के अंदर छुपा कर रखे गए अफीम के 63 पैकेट बरामद किए गए. इससे 70.308 किलोग्राम फाइन क्वालिटी की अफीम बरामद की गई और टाटा कैंटर गाड़ी सहित जब्त कर पुलिस ने राजस्थान के रहने वाली आरोपी तस्कर ओंकार मल को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने मणिपुर के इम्फाल में ओम प्रकाश उर्फ फौजी नाम के एक शख्स से अफीम की खेप ली थी.
30 किलो अफीम के साथ दो और हुए गिरफ्तार
जांच के दौरान, पुलिस ने ओम प्रकाश उर्फ फौजी और इस सिंडिकेट के एक और मेंबर विकास पारीक को कालिंदी कुंज में दिल्ली-आगरा कैनाल रोड पर एर्टिगा गाड़ी के साथ दबोच लिया. गाड़ी की तलाशी में स्पेशल कैविटी से पॉलिथीन पैकेट में 30.030 किलोग्राम अफीम बरामद की गई. जब्त की गई अफीम को मणिपुर से लाया गया था. पूछताछ में दोनों तस्करों ने बताया कि वो इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट के मेंबर हैं और वो दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ राजस्थान के इलाकों में पिछले 10 सालों से हेरोइन और अफीम की सप्लाई में लिप्त हैं.
आरोपी को मिलते थे 5 हजार रुपये प्रति पैकेट
गिरफ्तार आरोपी ओम प्रकाश इस सिंडिकेट का किंगपिन है. वो मणिपुर आधारित असामी शख्स से अफीम की खेप लेता था और फिर विकास पारीक की सहायता से ओंकार मल की ओर से दिल्ली और राजस्थान भेजता था. इसे ओंकार मल से इस सिंडिकेट का एक अन्य सदस्य जो कि जोधपुर, राजस्थान का रहने वाला है, वो जोधपुर में ले लेता था. आगे ओम प्रकाश उसे उसकी सहायता से दिल्ली और राजस्थान के छोटे ड्रग ट्रैफिकर के माध्यम से बिकवाता था. ओंकार को मणिपुर से अफीम लाने के बदले में 5 हजार रुपये प्रति पैकेट मिलते थे. इनसे बरामद ट्रक ओंकार मल का है, जबकि एर्टिगा गाड़ी विकास पारीक ने अपनी सुविधा के लिए खरीदा था.
बीएसएफ की नौकरी छोड़ करने लगा ड्रग्स की तस्करी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, साल 2001 में ओम प्रकाश ने बीएसएफ में कॉन्स्टेबल के पद पर नियुक्ति पाई थी. 10 साल के बाद 2011 में उसकी तैनाती असम के सिलचर में हुई. इसके बाद उसने बीएसएफ की नौकरी छोड़ दी और नार्थ ईस्ट के अपने संपर्कियों के माध्यम से मणिपुर से दिल्ली और राजस्थान में ड्रग्स की सप्लाई करने लगा. 2017 में वो आजन सहयोगियों के साथ फेक कॉल सेंटर चला कर यूएस सिटीजन से ठगी के मामले में जोधपुर में गिरफ्तार हो चुका है. इसके अलावा 2020 में डबल मर्डर मामले में भी जोधपुर पुलिस ने इसे गिरफ्तार किया था. उस मामले में इसने अपने सहयोगी के साथ मिल कर ड्रग्स के गबन के शक में दो लोगों का मर्डर कर दिया था. आरोपी ने बताया कि वो हेरोइन की कई खेप को राजस्थान के ड्रग ट्रैफिकर को सप्लाई कर चुका है. इन मामलों में पुलिस सभी तस्करों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.
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