DU Special Cut Off 2021: दिल्ली विश्वविद्यालय में स्पेशल कटऑफ के आधार पर दाखिला प्रक्रिया शुरू, जानिए डिटेल्स
DU Special Cut Off 2021: दिल्ली विश्वविद्यालय में एक बार फिर आज से दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बार एक विशेष कट ऑफ के माध्यम से छात्रों को दाखिला दिया जाएगा.
DU Special Cut Off 2021: दिल्ली विश्वविद्यालय में एक बार फिर उच्च मेरिट सूची में कुछ कड़े नियम और शर्तों के साथ आज से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय की तरफ से जारी एक विशेष कट ऑफ के माध्यम से छात्रों को दाखिला दिया जाएगा. ये प्रक्रिया उन छात्रों के लिए है जो पहली, दूसरी, तीसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला लेने के लिए योग्य तो थे, लेकिन किसी कारण से प्रवेश नहीं ले सके.
DU में एक बार फिर कड़े नियमों और शर्तों के साथ प्रवेश प्रक्रिया
दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता की तरफ से जारी की गई स्पेशल कट ऑफ लिस्ट के आधार पर दाखिले के लिए 26 अक्टूबर सुबह 10 बजे से 27 अक्टूबर मध्य रात्रि तक आवेदन किया जा सकेगा. रजिस्ट्रार के मुताबिक विभिन्न कॉलेज 28 अक्टूबर तक योग्य आवेदनों को दाखिले की मंजूरी देंगे. फीस का भुगतान 29 अक्टूबर तक किया जा सकता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में इकोनामिक्स (Economics) के लिए 98.25, बीकाम आनर्स (B.Com H) के लिए 98.75 और हिस्ट्री (History) के लिए 98.25 फीसदी अंक तय किए हैं. गौरतलब है कि स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में सामान्य वर्ग के मुकाबले आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए अधिक अवसर है. दिल्ली विश्वविद्यालय की स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में ज्यादातर कॉलेजों के अलग-अलग पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 96 से 99 फीसदी तक अंक प्रतिशत की मांग की गई है.
विशेष कट ऑफ के माध्यम से छात्रों को दाखिला दिया जाएगा
दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए 70 हजार सीटें हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय ने इन 70 हजार सीटों पर दाखिले के लिए अभी तक तीन कट-ऑफ लिस्ट जारी की हैं. तीनों कट-ऑफ के आधार पर अब तक कुल 1,70,186 छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया है. इनमें से 58,000 छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिला मिल चुका है.
विशेष कट-ऑफ, खाली सीटों की उपलब्धता के आधार कालेजों ने तय की है. विशेष कट-ऑफ के तहत आवेदन करने की गारंटी नहीं है. अगर कोई उम्मीदवार आवेदन करने या भुगतान करने में नाकाम रहता है तो किसी भी शिकायत पर विचार नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले वर्षो के तुलना में कट ऑफ लिस्ट में अनियमित उछाल देखी गयी. परिणाम स्वरूप पहली कट ऑफ लिस्ट में 99 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र भी हिंदू, हंसराज, रामजस जैसे देश के प्रतिष्ठ महाविद्यालयों के कई पाठ्यक्रमों में दाखिला नहीं पा सके.