Delhi News: दिल्ली सरकार की कोचिंग नीतियों (Coaching Policies) के खिलाफ प्रदेश के छात्रों ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के आवास का घेराव किया है. सीएम आवास पर पहुंचे दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र (DU student Protest) प्रदेश सरकार की कोचिंग नीतियों का विरोध कर रहे हैं. बता दें कि 15 जून को दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद छात्रों को खिड़कियों से बाहर कूदते देखा गया। इस घटना में दर्जनों दात्र घायल हुए थे. इसके अलावा डीयू के कई कॉलेजों की महंगी कोचिंग नीतियों को लेकर भी छात्र नाराज हैं.
बैरीकेडिंग तोड़ धरने पर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ता
जानकारी के मुताबिक दिल्ली के कोचिंग संस्थानों में व्याप्त कथित अनियमितता और अन्य हितों से संबंधित अपनी मांगों को लेकर एबीवीपी से जुड़े छात्र दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. एबीवीपी के कार्यकर्ता सीएम आवास के बाहर लगे एक बैरीकेडिंग को तोड़ चुके हैं. दूसरी बैरीकेडिंग से ठीक पहले सड़क पर बैठे हुए हैं. दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भारी संख्या में तैनात हैं. वाटर कैनन भी तैयार किया गया है. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को सतर्क रहने को कहा गया है.
अब दिल्ली में 53 ईवी चार्जिंग स्टेशन
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को 42 नए चार्जिंग स्टेशन चालू होने के मौके पर कहा कि अभी तक दिल्ली में केवल 11 ईवी चार्जिंग स्टेशन थे. डीटीएल की ओर से स्टेशन कुछ महीने पहले चालू किए गए थे. उसके बाद से दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत ईवी वाहनों को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है. इसका लाभ यह मिला है कि दिल्ली सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली आदि के क्षेत्र में काफी बेहतर काम किया और नाम कमाया, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण का समाधान निकालना काफी मुश्किल लग रहा था. दिल्ली की हवा में प्रदूषण बहुत ज्यादा था. लोग कहते थे इसका भी कुछ समाधान निकालिए. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस दिशा में पिछले आठ सालों के प्रयास का सुखद परिणाम अब सामने आने लगे हैं. दिल्ली में प्रदूषण के हालात में सुधार हुआ है. साल 2014 की तुलना में वर्तमान में दिल्ली में पीएम 10 और पीम 2.5 का स्तर 30 प्रतिशत कम हो गया है. पहले दिल्ली में सीवियर पाल्यूशन यानी 400 के पार एक्यूआई का सामना लोगों को साल में कई बार करना पड़ता था. अब साल भर में कुछ ही मौकों पर इसका सामना करना पड़ता है.
दिल्ली में खरीदे जा सबसे ज्यादा EV
दिल्ली को प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए ही हमारी सरकार ने ईवी व्हीकल यानी बिजली चालित वाहनों को देश की राजधानी में बढ़ावा देने का फैसला 2020 में लिया था. इसका सार्थक परिणाम अब देखने को मिल रहा है. ईवी व्हीकल से आने वाले समय में दिल्ली में प्रदूषण कम होगा. वैसे भी परिवहन के क्षेत्र में ईवी का ही भविष्य है. हमारी सरकार ने अगस्त 2020 में सबसे पहले ईवी पॉलिसी लागू की थी. साल 2025 तक 25 प्रतिशत ईवी का लक्ष्य है. वर्तमान में दिल्ली में 13 प्रतिशत नए व्हीकल ईवी खरीदे जा रहे हैं. पूरे देश में केवल छह प्रतिशत है. अगस्त 2020 से लेकर अभी तक 1,28,000 हजार ईवी खरीदे जा चुके हैं. दिल्ली की ये प्रोग्रेस काबिलेतारीफ है. ईवी की दिशा में बेहतर काम की वजह से दिल्ली को ईवी कैपिटली माना जाने लगा है. दिल्ली की ईवी देश और दुनिया की बेहतर पॉलिसी में से एक है.
छात्रों की प्रमुख मांगें
एबीवीपी से जुड़े डीयू, जेएनयू, जामिया सहित अलग-अलग शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने भारी संख्या में दिल्ली मुख्यमंत्री आवास के बाहर अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्रों ने कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को सुरक्षा देने की मांग की. प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाकर्मियों द्वारा छात्रों को रोकने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी है. छात्रों ने कोचिंग संस्थानों के नियमन के लिए बोर्ड गठित करने का विधेयक विधानसभा में पेश करने की मांग की है. इसके अलावा, छात्रों ने दिल्ली में किराया नियंत्रण अधिनियम पूरी तरह से लागू करने, दिल्ली में फायर सेफ्टी नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग संस्थानों पर सख्त कार्रवाई, मुखर्जी नगर स्थित कोचिंग हादसे में घायल छात्रों को उचित मुआवजा देने और छात्रों की सुरक्षा के साथ लापरवाही पर रोक लगाने की मांग की.
अग्निकांड के बाद छात्रों में डर का माहौल
दिल्ली विश्वविद्यालय से पीएचडी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान कहा कि . बीते हफ्ते मुखर्जी नगर स्थित कोचिंग संस्थान में हुआ अग्निकांड हादसा से छात्रों में भय का माहौल है. यह कोचिंग संस्थानों की बड़ी लापरवाही का जीता जागता प्रमाण है. हम दिल्ली सरकार को जगाना चाहते हैं कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर बेहद गंभीर होने की आवश्यकता है. जल्द से जल्द विधानसभा में इन विधेयक को पारित कर छात्रों को सुरक्षा प्रदान करने की तरफ एक मजबूत निर्णय लें.
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