Delhi News: बढ़ते प्रदूषण (Pollution) के मद्देनजर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRP) की उप-समिति ने कल दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) अधिकारियों को कई निर्देश दिये. समिति ने डीजल जेनरेटरों के उपयोग को रोकने, बस-मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति बढ़ाने और पानी का छिड़काव समेत अन्य कदम उठाने को कहा. गौरतलब है कि लगातार दो दिन से दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर (Air Quality Level) खराब है, जिसकी वजह से उप-समिति ये निर्देश दिए.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी 'सफर' के अनुसार, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गुरुवार को बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई. ये आंकड़ा इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है. इसके मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर आज तक 'बहुत खराब' श्रेणी में खिसकने की संभावना है. कल पिछले 24 घंटे के औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) की बात करें तो दिल्ली में 268, फरीदाबाद में 274, गाजियाबाद में 290, ग्रेटर नोएडा में 275, गुरुग्राम में 182 और नोएडा में 267 दर्ज किया गया.
1 नवंबर की सुबह तक जारी रहेंगी उत्तर-पश्चिमी हवाएं- मौसम विभाग
उप-समिति की समीक्षा बैठक में भारत मौसम विज्ञान विभाग के डॉ वी. के. सोनी ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी हवाएं एक नवंबर की सुबह तक जारी रहेंगी और वायु गुणवत्ता को 'बहुत खराब' श्रेणी में धकेल सकती हैं. सूचकांक के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
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