Vijayadashami 2022: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा हिंदू धर्म का विशेष त्योहार है. धूमधाम के साथ दशहरा पर्व को देशभर में मनाया जाता है. इस बार अक्टूबर की 5 तारीख को त्योहार मनाया जाएगा. दशहरे पर हर साल रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है. सुदूर देश में भी त्योहार का गजब उत्साह है. ऑस्ट्रेलिया में रहनेवाले भारतीय दशहरा पर्व को जोश और उत्साह से मनाने की तैयारी कर रहे हैं. रावण के पुतले बनाने के लिए दिल्ली में रहनेवाले कारीगरों को विशेष ऑर्डर मिल रहे हैं. कोरोना महामारी के कारण मूर्तियों की बिक्री में भारी गिरावट आई थी. अब इस बार मूर्तिकारों को बिक्री से अच्छी कमाई की उम्मीद है.
सुदूर देश में दशहरे का गजब उत्साह
स्थानीय शिल्पकार नवीन एएनआई को बताते हैं, "रावण के पुतलों की भारी मांग है. लोग बड़ी संख्या में हमारे पास ऑर्डर देने आ रहे हैं. कोरोना काल में कारोबार मंदा था, अब स्थिति बदल रही है. हमें भारत से बाहर भी ग्राहकों का ऑर्डर मिल रहा है. ऑस्ट्रेलिया में रावण की भारी मांग को देखते हुए पहले ही पुतलों को भेजा जा चुका है. प्रतिमाओं को बनाने में मुश्किल से दो महीने लगते हैं. डिलीवरी के लिए ग्राहकों को खुद से व्यवस्था करनी होती है."
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ऑस्ट्रेलिया से मिला रावण का ऑर्डर
एक अन्य शिल्पकार सोनू ने ऑस्ट्रेलिया के ग्राहक की खास मांग पर जून में रावण का पुतला बनाया था. उन्होंने बताया कि रावण का पुतला मुंबई से समुद्री जहाज के जरिए ऑस्ट्रेलिया भेजा गया. सोनू का कहना है कि दशहरा के दौरान आम तौर पर दुनिया भर से रावण की मांग की जाती है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की रावण पर विजय का प्रतीक दशहरा है. दशहरे को विजयादशमी भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था. कोरोना काल के बाद दशहरा ने मूर्तिकारों को खुशी का मौका दिया है.