DUSU Elections 2023: तीन साल के लंबे अंतराल के बाद इस साल सितंबर महीने में दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव होने की संभावना है. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि छात्र समूहों की यह मांग लंबे समय से लंबित थी जो इस साल पूरी हो सकती है. दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ का आखिरी चुनाव साल 2019 में हुआ था, वहीं कोरोना के कारण 2020-21 में छात्र संघ का चुनाव नहीं हो सका और 2022 में एकेडमिक कैलेंडर में संभावित व्यवधानों के कारण भी चुनाव नहीं कराए जा सके. छात्र समूहों ने विश्विद्यालय में चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू करने के लिए अधिकारियों को कई बार आवेदन दिए हैं क्योंकि कई निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद विश्विविद्यालय छोड़ दिया है.
'सितंबर में हो सकते हैं छात्र संघ के चुनाव'
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को एक मीडिया चैनल से कहा कि हम सितंबर में चुनाव कराने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) अधिकांश कॉलेजों और संकायों के छात्रों का मुख्य प्रतिनिधि निकाय है. इसके अलावा प्रत्येक कॉलेज का अपना छात्र संघ होता है, जिसके चुनाव सालाना होते हैं. डूसू के चुनावों में विश्विद्यालय और संबंद्ध कॉलेजों के छात्र सीधे मतदान करते हैं. आम तौर पर ये चुनाव अगस्त से सिंतबर के बीच होते हैं. यह चुनाव करीब 500 पदों के लिए होता है जिसमें लगभग 2500 छात्र नामांकन करते हैं. चुनावों में लगभग 1 लाख छात्र मतदान करते हैं.
आखिरी चुनाव में ABVP ने गाड़े थे झंडे
बता दें कि साल 2019 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुए छात्र संघ के चुनावों में एबीवीपी समर्थक दहिया ने अध्यक्ष पद, प्रतीप तंवर ने उपाध्यक्ष और शिनवांगी खारवाल ने संयुक्त सचिव पद का चुनाव जीता था. दहिया ने कहा कि एबीवीपी ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिया था और चुनाव की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया था. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने हमें चुनाव कराने का भरोसा दिया है. एबीवीपी ने कहा कि छात्रों की एडमिशन प्रक्रिया और अन्य आयोजनों में जिस तरह से उनकी भागीदारी रही है उससे इस साल भी उनके उम्मीदवारों को जीत हासिल करने में मदद मिलेगी.
ABVP-NSUI चुनावों के प्रमुख खिलाड़ी, AISA भी पीछे नहीं
डूसू के चुनावों में आरएसएस समर्थित एबीवीपी और कांग्रेस समर्थित NSUI वर्षों से विश्वविद्यालय की राजनीति के प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं लेकिन हाल की वर्षों में अखिल भारतीय छात्र संघ (AISA) एक महत्वपूर्ण समूह बनके उभरा है. AISA भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन से संबद्ध एक वामपंथी छात्र संगठन है, विश्वविद्यालय की राजनीति में इस संगठन ने हाल के वर्षों में शानदार प्रगति की है. विश्वविद्यालय द्वारा चुनाव कराने की पहले की प्रशंसा करते हुए आइसा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अभिज्ञान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विश्वविद्यालय चुनाव प्रक्रिया के दौरान होने वाली अलोकतांत्रिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें इन चुनावों में आईसा के बेहतर करने की पूरी उम्मीद है.
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