Delhi College Of Art Admissions 2022: डूटा की दिल्ली सरकार से मांग- कॉलेज ऑफ आर्ट में एडमिशन की नोटिस लें वापस, जानें क्या है वजह
Delhi College of Fine Arts Admissions 2022: दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार से कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स में एडमिशन का नोटिस वापस लेने को कहा है. जानिए वजह.
DUTA Opposes Delhi College Of Fine Arts Admission 2022: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) का कॉलेज ऑफ आर्ट (DU College Of Art) 1942 में स्थापित दिल्ली विश्वविद्यालय से को-एफिलेडेट एक ऐसा संस्थान है, जो विजुअल आर्ट्स ट्रेनिंग में लीडर माना जाता है. यह कॉलेज बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) और फाइन आर्ट्स (एमएफए) में मास्टर डिग्री के लिए जाना जाता है. यह महाविद्यालय अपनी स्थापना के बाद से ही दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंधित रहा है. इसी को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) से मांग की है कि वह यहां दाखिले संबंधी जारी किया गया नोटिस वापस ले ले.
80 सालों से कॉलेज डीयू का हिस्सा रहा है -
दिल्ली विश्वविद्यालय ने अध्यादेश के जरिए कॉलेज एवं हॉल कैलेंडर (अधिनियम, कानून और अध्यादेश) के तहत कला महाविद्यालय (कॉलेज ऑफ आर्ट) को परमानेंट एफिलेशन दिया है. कला महाविद्यालय रचनात्मकता प्रदान करने वाली संस्था है, जो पिछले 80 सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय का एक अभिन्न अंग रहा है.
क्या पक्ष है सरकार का -
हालांकि दिल्ली सरकार चाहती है कि कला महाविद्यालय को अंबेडकर विश्वविद्यालय का हिस्सा बनाया जाए. इस पर डूटा के अध्यक्ष प्रोफेसर एके भागी का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से अलग करके इस महाविद्यालय को 'स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स' विभाग बनाया जाए.
अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली में विलय या स्थानांतरित करने का अर्थ है कि इस कॉलेज को खत्म किया जा रहा है. भारत की संसद में पारित दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिनियम के अनुसार, कला महाविद्यालय को अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली या किसी अन्य विश्वविद्यालय से संबद्ध नहीं किया जा सकता है.
नोटिस है अवैध -
प्रोफेसर भागी ने बताया कि इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा 11 मई को जारी किया गया कॉलेज ऑफ आर्ट दाखिलों संबंधित नोटिस दोषपूर्ण और अवैध है. यह कला महाविद्यालय की अकादमिक स्वायत्तता और रचनात्मकता पर सीधा हमला है. दिल्ली सरकार इसे सीधे नियंत्रण में लेकर अपनी मनमानी करना चाहती है.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने कला कॉलेज की असंबद्धता को लेकर कोई एनओसी नहीं दी है. कला महाविद्यालय का अंबेडकर महाविद्यालय दिल्ली का हिस्सा होना इस प्रसिद्ध महाविद्यालय के लिए एक अकादमिक आपदा है, जो डूटा को स्वीकार्य नहीं है.
क्या कहना है डूटा का -
डूटा का कहना है कि उनकी संस्था दिल्ली सरकार से मांग करती है कि वह कला महाविद्यालय को अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली में विलय या स्थानांतरित करने के नाम पर स्थानांतरित या बंद न करें. इससे पहले के सभी अनैतिक आदेशों के साथ-साथ नवीनतम दाखिले की सूचना वाला दिनांक 11 मई, 2022 का नोटिस भी वापस लें. साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज ऑफ आर्ट में बीएफए और एमएफए पाठ्यक्रमों में 2021-22 और 2022-23 सत्रों का प्रवेश तुरंत शुरू होना चाहिए.
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