Delhi Earthquake: नहीं हुए तत्काल उपाय, तो दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके से हो सकती है बड़ी तबाही!
Delhi News: भूकंप से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए. हर क्षेत्र - सोसाइटी में वॉलिंटियर के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए.
Earthquake Safety Measures: दिल्ली- एनसीआर (Delhi-NCR) में इस साल मार्च तक 10 बार से अधिक भूकंप (Earthquake)के झटके महसूस किए हैं. बीते दिनों 21 और 22 मार्च को दो दिन लगातार भूकंप के झटकों ने लोगों को एक बार फिर चिंता में डाल दिया है . 21 मार्च को आए भूकंप की तीव्रता 6.6 रही. इसका केंद्र अफगानिस्तान रहा.
वहीं 22 मार्च को दिल्ली में शाम 5 बजे के ठीक पहले आए भूकंप की तीव्रता 3 से कम रही. लेकिन सबसे चिंता करने वाली बात इस कम तीव्रता वाले भूकंप में यह है कि इसका केंद्र खुद दिल्ली रहा . एक्सपर्टस् की माने तो निश्चित तौर पर दिल्ली-एनसीआर में एक प्लानिंग के तहत तत्काल भूकंप से बचाव के उपाय करने होंगे नहीं तो यहां बड़ी तबाही हो सकती है.
ऊंची इमारतों के पास जरूर हो खुला क्षेत्र
दिल्ली-एनसीआर में काफ़ी ज्यादा संख्या में ऊंची इमारतें हैं, और उसमें से 60 फीसदी से अधिक भूकंप के झटके झेलने में असमर्थ हैं. इसलिए खास तौर पर इमारतों के आसपास एक खुला क्षेत्र जरूर हो और वहां तक पहुंचने का माध्यम काफी आसान हो. ताकि कभी भी अगर भूकंप के झटके महसूस किए जाएं तो लोग कम समय में उस खुले क्षेत्र में पहुंच सके.
चल रहे निर्माण कार्य की हो जांच
दिल्ली-एनसीआर में काफी अधिक संख्या में नई बिल्डिंगें और प्लैट बनाए जा रहे हैं . सरकार और जिम्मेदार विभागों को इन तैयार हो रही ऊंची बिल्डिंगों और फ्लैट की गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए. साथ ही हिदायत देनी चाहिए की, पिलर के निर्माण के साथ-साथ भूकंप के झटके झेलने वाले सभी आवश्यक सुझावों को उसमें शामिल कर के ही इनका निर्माण कार्य पूरी तरह से नई तकनीक के आधार पर ही किया जाए. अगर बिल्डर द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए.
जर्जर इमारतों के रिकंस्ट्रक्शन पर जोर
नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा कुछ सोसायटी में अपने फ्लैट और इमारतों का जांच कराने के लिए आदेश जारी किया गया है. दिल्ली-एनसीआर सहित अन्य सोसाइटी के फ्लैट्स और बिल्डिंग को भी इसी प्रकार अपनी इमारतों की जांच कराने के लिए नोटिस जारी करना चाहिए. साथ ही जो बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. उनके रिकंस्ट्रक्शन के लिए लोगों को हिदायत देनी चाहिए. दिल्ली-एनसीआर में इस जांच को काफी बड़े पैमाने और यद्धस्तर पर करना चाहिए .
हर दूसरे सप्ताह चले जागरूकता अभियान
तत्काल रुप से भूकंप से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए. हर क्षेत्र - सोसाइटी में वॉलिंटियर के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए. साथ ही मॉक ड्रिल और सांकेतिक अभियान के माध्यम से अवकाश के दिनों में ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को इकट्ठा कर उन्हें भूकंप से बचाव के लिए हर उपाय बताने चाहिए.
ऊंची इमारतों के बनने पर लगे रोक
दिल्ली के घनी आबादी में इमारतों की एक सीमा तय की जाए. बिल्डर द्वारा ऊंची इमारतों के बनाए जाने पर पूरी तरह पाबंदी रहे . इन क्षेत्रों में अधिक तीव्रता वाले भूकंप काफी ज्यादा नुकसान कर सकते हैं, इसलिए फ्लैट्स का निर्माण एक निश्चित ऊंचाई तक ही कराए जाने का आदेश जारी किया जाना चाहिए.