Delhi News: दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि उसने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ कथित संलिप्तता को लेकर जांच पूरी कर ली है. ईडी ने चौथे पूरक आरोपपत्र में भी इस बात का जिक्र किया है. दूसरी तरफ कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. फिलहाल, ईडी ने दावा किया है कि उसके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे. उन्होंने कथित तौर पर विभिन्न माध्यमों से 622 करोड़ रुपये की आय अर्जित की थी.
ईडी ने चौथे पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने जांच को पटरी से उतारने की कोशिश की. इसके अतिरिक्त ईडी ने सिसोदिया पर भारत के दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश और एक अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की कानूनी राय से संबंधित एक महत्वपूर्ण फाइल को नष्ट करने का भी आरोप लगाया है.
CBI ने 24 फरवरी को किया था गिरफ्तार
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी. ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है. ईडी ने मामले में एक मुख्य चार्जशीट और चार सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की हैं. सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में 24 फरवरी 2023 को कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. उसके ईडी ने 9 मार्च को धन शोधन के आरोप में हिरासत में लिया था. उसके बाद से मनीष सिसोदिया ने कई बार जमानत के लिए प्रयास किया, लेकिन राउज एवेन्यू कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम तक ने उन्हें निराश ही किया है. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि दिल्ली शराब घोटाले की जांच अहम मोड़ पर है. अभी जमानत नहीं दिया जा सकता. जमानत मिलने पर मनीष सिसोदिया प्रभावी व्यक्ति होने की वजह से केस को प्रभावित कर सकते हैं.
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