Delhi News: मंगलवार सुबह से ही दिल्ली एनसीआर सहित देशभर में दशहरा पूजा की धूम है. साथ ही रावण दहन को लेकर भी हर साल की तरह इस बार भी लोगों में जोश चरम पर है. विजयादशमी के मौके पर दक्षिण दिल्ली के चितरंजन पार्क में कोलकाता की तरह भारी संख्या में बंगाली महिलाएं सिंदूर खेला में भाग लिया. इस बार रामलीला कमेटियां रावण दहन कार्यक्रम के तहत सनातन विरोधियों के पुतले भी देर शाम जलाएंगी.
चितरंजन पार्क दुर्गा पूजा पंडाल में महिलाओं ने 'सिंदूर खेला' के तहत एक-दूसरे को सिंदूर लगाए. इस मौके पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और मां दुर्गा की विदाई देने में व्यस्त दिखे. इस बार खास बात यह है कि दिल्ली के लाल किला मैदान में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के साथ सनातन धर्म का विरोध करने वालों के भी पुतले लगाए गए हैं. यानी इस बार लाल किला मैदान में बुराई के प्रतीक रावण और कुंभकरण के साथ सनातन विरोधियों के पुतले भी जलाए जाएंगे. इसके लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में अलग से बड़े—बड़े पुतले बनाए गए हैं. देर शाम रावण के साथ इन पुतलों का भी दहन होगा.
उदयनिधि के बयान से मचा था बवाल
हाल ही में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिया के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक भड़काऊ बयान दिया था कि सनातनियों को खात्मा जरूरी है. उनके बयान सामने आने के बाद देशभर में इसके लेकर सियासी बवाल मचा था. तमिलनाडु में इसके सियासी असर को देखते हुए उदयनिधि स्टालिन ने सफाई देते हुए कहा था कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया था, लेकिन इसका असर यह हुआ कि बीजेपी ने तमिलनाडु में इसे सियासी एजेंडा बना दिया. साथ ही बीजेपी नेताओं ने उसी समय घोषणा की थी इस बार दशहरा के दिन रामलीला समितियां सनातन धर्म का विरोध करने वालों के प्रतीक में पुतले जलाएंगी. दिल्ली बीजेपी ने यह फैसला रामलीला समितियों से सनातन धर्म के विरोधियों के पुतले जलाने के आग्रह के बाद लिया था.
क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने
डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से की थी. इस पर विवाद खड़ा करने के कुछ दिनों बाद दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने पहले शहर में रामलीला समितियों से अनुरोध करते हुए एक पत्र लिखा था.
उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की अवधारणा के खिलाफ बताते हुए इसे खत्म करने का आह्वान किया. आरके पुरम रामलीला समिति के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा एलान किया था कि वे सनातन धर्म के खिलाफ और उनकी मान्यताओं और प्रथाओं की तुलना डेंगू से करने वालों के पुतले जलाएंगे. हम एक पुतला बनाएंगे और स्टालिन और उन लोगों के नाम लिखेंगे जो हमारे धर्म के खिलाफ हैं. बता दें कि यह मामला तूल पकड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सनातन धर्म के खिलाफ राजनेताओं के नफरत भरे भाषणों का संज्ञान लिया है.