Delhi: लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में बनेंगे आठ सुपर स्पेशियलिटी डिपार्टमेंट, मिलेंगी ये सुविधाएं
LHMC: इन सुपर स्पेशियलिटी विभागों के शुरू होने के बाद LHMC में किडनी, लिवर और दिल की बीमारियों समेत कई गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों का भी इलाज हो सकेगा. इसके साथ ही कैंसर के इलाज की सुविधा बढ़ सकेगी.
Lady Hardinge Medical College: राजधानी दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC) के सुचेता कृपलानी अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बदलने की तैयारी है. इसके लिए अस्पताल में आठ सुपर स्पेशियलिटी विभाग शुरू किए जाने की योजना है जिसमें कार्डियोलाजी, नेफ्रोलाजी, इंडोक्रेनोलाजी, गैस्ट्रोलाजी, हीमेटोलाजी, यूरोलाजी, सर्जिकल आंकोलाजी और मेडिकल आंकोलाजी जैसे विभाग शामिल होंगे. इसके लिए अस्पताल प्रशासन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्ताव भेजकर स्वीकृति मांगी है. केंद्र से स्वीकृति मिलने पर चरणबद्ध तरीके से ये विभाग शुरू किए जाएंगे.
मरीजों को मिलेंगे ये फायदे
इन सुपर स्पेशियलिटी विभागों के शुरू होने के बाद LHMC में किडनी, लिवर और दिल की बीमारियों समेत कई गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों का भी इलाज हो सकेगा. इसके साथ ही कैंसर के इलाज की सुविधा बढ़ सकेगी. जो अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में उभारेगा और इससे मरीजों को इन बीमारियों के इलाज में बड़ी राहत मिलेगी. वर्तमान समय में लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज में किडनी, लिवर व दिल की बीमारियों के इलाज की खास सुविधा नहीं है. कैंसर के इलाज की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. इसका कारण कार्डियोलाजी, नेफ्रोलाजी, इंडोक्रेनोलाजी, गैस्ट्रोलाजी व आंकोलाजी के सुपर स्पेशियलिटी विभाग नहीं होना है.
दिल्ली के चुनिंदा अस्पताल में ही दिल की बीमारियों का इलाज
मौजूदा समय में दिल्ली में एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, जीबी पंत, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जैसे कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही दिल की बीमारियों के इलाज की सुविधा है. किडनी व लिवर की बीमारियों के इलाज की सुविधा भी कुछ ही सरकारी अस्पतालों में है, जहां मरीजों का दबाव बहुत ज्यादा रहता है. इस वजह से मरीजों को आसानी से इलाज उपलब्ध नहीं हो पाता है.
सुपर स्पेशियलिटी विभाग में भी है डॉक्टरों की कमी
लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पताल में त्वचा रोग, पल्मोनरी, न्यूरोलाजी व न्यूरो सर्जरी जैसे सुपर स्पेशियलिटी विभाग हैं. इनमें भी डाक्टरों की कमी है. दशकों पुरानी तर्ज पर मेडिसिन विभाग के अंतर्गत कार्डियोलाजी, इंडोक्रेनोलाजी, नेफ्रोलाजी, गैस्ट्रोलाजी व हीमेटोलाजी के विशेष क्लीनिक चलाए जाते हैं, लेकिन सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर व जरूरी संसाधन नहीं होने के कारण मरीजों को उस विशेष क्लीनिक से खास फायदा नहीं हो पाता. इस कारण किडनी, लिवर व दिल के मरीजों को इलाज के लिए दूसरे सरकारी अस्पताल का रुख करना पड़ता है. इसके मद्देनजर अस्पताल प्रशासन सुपर स्पेशियलिटी सुविधा बढ़ाने की कोशिश में जुट गया है.
दो वर्ष के भीतर सुपर स्पेशियलिटी विभाग शुरू होने की संभावना
अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आठ सुपर स्पेशियलिटी विभाग शुरू करने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर फाइल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गई है. उन विभागों को शुरू करने के लिए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर और अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए पद सृजित किए जाने की स्वीकृति मांगी गई है. इसके अलावा पैथ लैब और जरूरी चिकित्सा उपकरण भी जुटाने होंगे जिसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. उम्मीद है कि अगले दो वर्ष के भीतर ये सुपर स्पेशियलिटी विभाग शुरू हो जाएंगे.
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