Delhi MCD Elections: राजधानी दिल्ली में तीनों निगमों को एक किए जाने को लेकर सियासी पारा गरमाया हुआ है, वही तीनों निगमों को एक किए जाने वाला विधेयक लोकसभा में पास हो जाने के बाद हलचल और तेज हो गई है, जहां एक तरफ तीनों निगम के एक हो जाने के बाद अधिकारी और अफसरों ने अपनी अंदरूनी तैयारियां शुरू कर दी हैं वहीं निगम चुनावों को लेकर भी सियासत गरमाई हुई है. जानकारों की मानें तो तीनों निगमों के एक हो जाने के बाद निगम के चुनावों में एक से डेढ़ साल तक का समय लग सकता है यानी कि निगम के एक हो जाने के बाद चुनाव कराने में कम से कम डेढ़ साल का समय लगेगा.


निगम एक होने से डेढ़ साल तक टल सकते हैं चुनाव
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन रिटायर कर्नल बीके ओबेरॉय ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि लोकसभा में तीनों निगमों को एक किए जाने वाला विधेयक पास होने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि तीनों निगमों को एक करने के पीछे सबसे अहम कारण निगम की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है.


क्योंकि दिल्ली सरकार की ओर से निगम को कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही थी, और लोकसभा में भी गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से निगम को 30 हज़ार करोड रुपए नहीं दिए गए, अगर वह दे दिए जाते तो निगम की आर्थिक समस्याओं का हल हो जाता, निगम के एक हो जाने के बाद इसमें सुधार आएगा, और निगम के एक हो जाने के बाद काफी चीजों में बदलाव आएगा विभागों में बदलाव होगा, डिपार्टमेंट एक हो जाएंगे अधिकारी एक जगह से दूसरी जगह जाएंगे.


ऐसे में जो इलेक्शन कराने में करीब 1 से डेढ़ साल तक का समय लग सकता है, एसडीएमसी स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन ने कहा कि स्टेट इलेक्शन कमीशन की ओर से भी इलेक्शन कराने के लिए काफी तैयारियां करनी होंगी, निगम के एक हो जाने के बाद वार्ड की संख्या कम की जाएगी, ऐसे में हर एक वार्ड में इलेक्शन कमीशन को यह देखना होगा कि कौन सी सीट एससी है एसटी है और तमाम चीजों को लेकर जांच करनी होगी, जिसके बाद ही  इलेक्शन हो पाएंगे और इस पूरी प्रक्रिया में करीब डेढ़ साल तक का समय लगेगा.


अफसरों ने शुरू की तैयारियां
रिटायर्ड कर्नल बीके ओबेरॉय ने बताया कि दिल्ली नगर निगम के पास अभी 12 जोन है जिसमें उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास 6, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पास 4, और ईस्ट दिल्ली नगर निगम के पास दो जॉन है ऐसे में निगम के एक हो जाने के बाद यह दोनों एक ही सिविक बॉडी द्वारा संचालित होंगे.


ऐसे में आम जनता तक निगम द्वारा दी जा रही सभी सुविधाएं और कार्य बिना रुकावट के पहुंच सके, इसके लिए एक टीम बनाई जा सकती है जिसमें 14 से 15 लोग शामिल हो सकती हैं, ये टीम एमएलए और काउंसलर के साथ बनाई जाएगी, जो कि हम लोगों की समस्याओं को लेकर आगे का काम करेगी.


इसके साथ ही तीनों निगम के एक हो जाने के बीच अधिकारी और अफसरों ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, नई दिल्ली स्थित सिविक सेंटर में जहां अभी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कार्यालय है और दोनों निगमों के अधिकारी कर्मचारी अफसर यहीं बैठते हैं वहीं कहा यह जा रहा है कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का कार्यालय भी सिविक सेंटर में शिफ्ट हो सकता है, क्योंकि तीनों निगमों के एक हो जाने के बाद केवल एक ही सिविक बॉडी होगी, जिसे दिल्ली नगर निगम कहा जाएगा ऐसे में एक ही कार्यालय होगा और सभी अधिकारी अक्सर यही से काम करेंगे.


इसको लेकर भी अधिकारी और अफसरों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है, हालांकि इसको लेकर अभी कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है लेकिन मौखिक तौर पर अधिकारी सभी कर्मचारी और अफसर अपनी अपनी तैयारियां कर रहे हैं.


3 महीने तक का लगेगा समय
दक्षिण दिल्ली नगर निगम मैं स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया को लेकर करीब 3 महीने का समय लगेगा इसके लिए तीनों निगमों के कमिश्नर एक बैठक करेंगे जिसमें कि सभी फैसले लिए जाएंगे कि किस तरीके से काम होगा किस अधिकारी को कहां कैसे काम करना होगा किस डिपार्टमेंट में कितने कर्मचारी होंगे आदि विषयों को लेकर बैठक होगी और निगम के एकीकरण हो जाने के बाद सभी व्यवस्था को सुचारू रूप देने के लिए करीब 3 महीने का समय लग सकता है.


एक जगह से दूसरी जगह कर्मचारियों के आने में कार्यालय शिफ्ट होने में भ समय लगेगा,क्योंकि जो कर्मचारी अभी काम कर रहे हैं उनका प्रमोशन और जो पुराने टेंडर्स हैं उनको लेकर सभी फैसले लिए जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के जो अपने अलग-अलग अधिकार और कर्तव्य हैं, वह निगम के एकीकरण के बाद दिल्ली नगर निगम के पास होंगे और निगम से जुड़े सभी अहम फैसले चाहे कर्मचारियों की भर्ती, प्रमोशन, टेंडर वह दिल्ली नगर निगम द्वारा ही लिए जाएंगे.


दिल्ली में गरमाई राजनीति
वही तीनों निगमों के एकीकरण को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज है आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लगातार बीजेपी पर को लेकर हमलावर है कांग्रेस का कहना है कि जहां सालों पहले जनता और निगम की भलाई के लिए कांग्रेस सरकार ने एमसीडी को तीन भागों में विभाजित किया था वही अपने स्वार्थ के लिए बीजेपी इसे एक कर रही है.


जिसको लेकर स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि सालों पहले जनता की भलाई के लिए नहीं बल्कि अपनी भलाई के लिए निगम को तीन भागों में विभाजित किया था. गौरतलब है कि तीनों निगमों को एक किए जाने वाला विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है और अब इसे राज्यसभा में पास किया जाना है और जानकारों की माने तो इसी सोमवार को इस पर चर्चा हो सकती है जिसके बाद इसे पास कर दिया जाएगा.


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