(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Electric Cab in Delhi: राजधानी दिल्ली में चलने वाली कैब होंगी इलेक्ट्रिक, नियाम और शर्तें जानिए
Electric Cab Vehicles: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 को मंजूरी दे दी है और इसे दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अनुमति के भेज दिया गया है.
Delhi News: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली में कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदान करने वालों को नियमों के तहत लाने की नीति के मसौदे को मंजूरी दे दी. मसौदे को मंजूरी मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 के तहत दी गई है. इसकी फाइल उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेज दी गई है. वहां से अनुमति मिलने के बाद परिवहन विभाग दिल्लीवासियों से उनके सुझाव लेगा और इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा. इससे ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों पर नकेल कसी जा सकेगी. कैब एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता को एक अप्रैल 2030 तक सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलना अनिवार्य होगा.
दिल्ली मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 को मंजूरी देते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इस स्कीम के माध्यम से दिल्ली में कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को एक नियम के दायरे में लाकर रेगुलेट किया जा सकेगा. यह योजना यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी और इससे समय पर शिकायत का निस्तारण सुनिश्चित किया जा सकेगा. साथ ही, स्कीम लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए बढ़ावा देगी. सीएम ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने से सरकार को दिल्ली में प्रदूषण स्तर को कम करने में भी मदद मिलेगी. इसके साथ ही दिल्ली में रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी पैदा होंगे.
मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 उन एजेंसियों पर लागू होगी जो किसी भी तरह के डिजिटल, इलेक्ट्रॉनिक या अन्य माध्यम से संचालित होती हैं और यात्रियों को लाने-ले जाने का काम करती हैं. यह स्कीम उन ई-कॉमर्स इकाइयों या अन्य संस्थाओं को भी इस योजना के दायरे में लाएगी, जो कोई भी प्रोडक्ट, कोरियर, पैकेज या पार्सल को भेजने के लिए डिलीवरी सेवा का इस्तेमाल करती हैं.
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इस स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए लाइसेंस शुल्क शून्य हो सकता है, लेकिन सीएनजी टैक्सी का लाइसेंस शुल्क करीब 650 रुपए रखा जा सकता है. इस स्कीम के तहत सभी लाइसेंस शुल्क और जुर्माने को राज्य इलेक्ट्रिक वाहन फंड में जमा किया जाएगा.
नियम और शर्तें
•एग्रीगेटर्स को परिवहन विभाग से वार्षिक, नवीनीकरण लाइसेंस लेना होगा.
•सभी चालक और उनके वाहनों का पंजीकरण अनिवार्य होगा.
•एग्रीगेटर को ड्राइवरों और वाहनों की रियल टाइम, ट्रिप रूट और पैनिक बटन की स्थिति की निगरानी के लिए 24X7 कमांड एंड कंट्रोल सेंटर संचालित करना होगा.
•पैनिक बटन को 112 (दिल्ली पुलिस) के साथ जोड़ना होगा.
•जिन मामलों में चालक का प्रदर्शन खराब होगा, उसके सुधार के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
•लोगों की शिकायत का समय पर निस्तारण करने पर जोर दिया जाएगा.
•चरणबद्ध तरीके से पुराने वाहनों को नए इलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा.
•अधिसूचना जारी होने के शुरुआती 6 महीनों में बेड़े में शामिल कुल कारों में से 5 प्रतिशत इलेक्ट्रिक कारें अनिवार्य हों.
•अधिसूचना जारी होने के 4 साल बाद सभी नए व्यावसायिक दो पहिया और तीन पहिया वाहन केवल इलेक्ट्रिक के होने चाहिए.
•अधिसूचना के 5 साल बाद सभी नए व्यावसायिक चार पहिया वाहन भी इलेक्ट्रिक के होने जरूरी हैं.
•एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा प्रदाता को एक अप्रैल 2030 तक सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलना अनिवार्य होगा.