Noida News: देश की राजधानी औद्योगिक क्षेत्र के अनुसार ही नहीं बल्कि दिल्ली से बेहद करीब होने की वजह से भी नोएडा बड़े तेजी से विकसित होने वाले शहरों में से एक है. यही वजह है कि दूर दराज से राजधानी और एनसीआर में काम करने वाले लोग नोएडा में रहने को प्राथमिकता देते हैं. बीते सालों से नोएडा में अवैध अतिक्रमण ना केवल प्राधिकरण के लिए सिरदर्द बन चुका है बल्कि इसकी सुंदरता और परियोजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं. कई स्तरों पर कदम उठाने के बावजूद ऐसे अवैध अतिक्रमण पर लगाम लगा पाना मुश्किल हो रहा है. अब नोएडा प्राधिकरण की तरफ से अवैध निर्माण और अतिक्रमण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.
किसानों के साथ-साथ आम लोगों द्वारा भी लगातार अवैध निर्माण और अतिक्रमण को लेकर शिकायत सामने आ रही थी, लेकिन अब नोएडा के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने दिशा निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि अगर नोएडा के किसी भी क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण किया जाता है, तो इसके लिए जेई और लेखपाल पूरी तरह जिम्मेदार होंगे. उनका कहना है कि अवैध निर्माण कार्य से शहर में चल रहे विकास कार्य भी प्रभावित होते हैं. अतिक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी है. ऐसे में नोएडा में किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण और अतिक्रमण होने पर क्षेत्र के जेई व लेखपाल की सेवा समाप्त कर दी जाएगी.
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा अतिक्रमण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार भी नोएडा में कई लाख वर्ग मीटर की जमीन पर अतिक्रमण है, जिसमें सबसे ज्यादा बख्तावरपुर, नंगली वाजितपुर, हरौला, बरौला, चौड़ा, सलारपुर, नया बांस आदि क्षेत्र शामिल है. नोएडा क्षेत्र में मनमाने तरीके से अतिक्रमण हुए जमीन और प्लॉट से नोएडा प्राधिकरण भी हैरान है. नोएडा काफी तेज गति से विकसित होने वाले शहरों में से एक है. खासतौर पर दिल्ली से बेहद करीब होने के नाते यह व्यापारिक दृष्टिकोण और आवासीय क्षेत्र के लिए भी काफी अहम है. ऐसे में प्राधिकरण द्वारा चिन्हित जमीन को सुरक्षित रखना और अन्य प्रोजेक्ट व उद्देश्य के लिए जमीन उपलब्ध कराना काफी चुनौतीपूर्ण बनता जा रहा था. माना जा रहा है कि नोएडा प्राधिकरण की तरफ से अतिक्रमण और अवैध निर्माण को रोकने के लिए यह सख्त कार्रवाई का दिशा निर्देश दिया गया हैं.