Delhi Assembly Election: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है. आम आदमी पार्टी के सामने सत्ता बचाये रखने की चुनौती है. पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ताबड़तोड़ सभाएं और रैलियां कर रहे हैं. जनता के बीच पहुंचकर अरविंद केजरीवाल दिल्ली में विकास कार्यों की बखान भी कर रहे हैं. जीत की हैट्रिक की चुनौती को देखते हुए आम आदमी पार्टी मौजूदा विधायकों के टिकट काट सकती है.
ऐसे में टिकट पाने की आस लगाये बैठे विधायकों की टेंशन बढ़ गयी है. अरविंद केजरीवाल के संकेत से अटकलों का बाजार गर्म है. उन्होंने तय किया है कि टिकट बंटवारे का पैमाना ऊंचा रखा जायेगा. सोमवार को कार्यकताओं और वॉलेंटियर्स के सम्मेलन को अरविंद केजरीवाल ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इस बार आम आदमी पार्टी बड़ी सावधानी से टिकटों का बंटवारा करेगी. उन्होंने परिवारवाद पर भी कटाक्ष किया. आप संयोजक ने स्पष्ट किया कि भाई, भतीजा को तरजीह नहीं मिलेगी.
AAP में कैसे होगा टिकटों का बंटवारा?
सर्वे के आधार पर टिकट का बंटवारा होगा. ऐसे में कार्यकर्ताओं की निष्ठा विधायक या पार्षद में ना होकर केजरीवाल में होनी चाहिए. मानकर चलें कि विधानसभा की सभी 70 सीटों पर अरविंद केजरीवाल लड रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र भी दिया. अरविंद केजरीवाल के बयान पर दिल्ली की सियासत गर्म हो गयी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बयान का मतलब समझाया.
अरविंद केजरीवाल ने मान ली हार-BJP
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले ही हार मान ली है. वीरेंद्र सचदेवा के बयान पर आप की भी प्रतिक्रिया सामने आयी है. मंत्री गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी टिकटों का बंटवारा जनता से मिले फीडबैक के आधार पर करती आई है. बीजेपी को आप की चिंता छोड़कर खुद की करनी चाहिए. आने वाला चुनाव अरविंद केजरीवाल के लिए अग्नि परीक्षा है.
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