Delhi Pollution News: इस साल जनवरी से जून के बीच दिल्ली की हवा रही सबसे बेहतर, AQI 200 से भी कम, टूटा सात सालों का रिकॉर्ड
दिल्ली में साल 2016 से लेकर अब तक के सात सालों की पहली छमाही (January-June) में सबसे कम ऐसे दिन दर्ज किए गए हैं जब वायु गुणवत्ता ‘खराब से गंभीर’ श्रेणी के बीच रही.
Delhi Air Quality: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता (Air Quality) में सुधार लाने के लिए केजरीवाल सरकार की तरफ से कई योजनाएं लाई जा रही हैं. जिसके परिणाम अनुसार हर साल की अपेक्षा इस साल 'अच्छे से मध्यम' गुणवत्ता वाली हवा सबसे ज्यादा दिन के लिए दर्ज की. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि शहर में वायु गुणवत्ता को सुधारना अत्यधिक मुश्किल काम रहा है. मुख्यमंत्री का यह बयान पर्यावरण मंत्रालय (Ministry of Environment) के बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें कहा गया था कि दिल्ली में वर्ष 2016 के बाद से वर्ष 2020 को छोड़कर इस साल 'अच्छे से मध्यम' गुणवत्ता वाली वायु सबसे अधिक दिन दर्ज की गई.
इस साल दिल्ली की हवा रही सबसे स्वच्छ
दिल्ली में साल 2016 से लेकर अब तक के सात सालों की पहली छमाही (January-June) में सबसे कम ऐसे दिन दर्ज किए गए हैं जब वायु गुणवत्ता ‘खराब से गंभीर’ श्रेणी के बीच रही. इनमें कोविड-19 से प्रभावित वर्ष 2020 के आंकड़े शामिल नहीं हैं. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, वायु गुणवत्ता को सुधारना बहुत मुश्किल कार्य रहा. लेकिन दिल्लीवासियों के जरिए एक सीरीज में उठाए गए कदमों से हमने असंभव दिखने वाले कार्य को कर लिया. अभी भी बहुत आगे जाना है. दिल्ली के लोगों ने हमेशा दूसरों के लिए असंभव लगने वाले कार्यों को किया है.
2023 के पहली छमाही में AQI लगभग 200 रही
दिल्ली में इस दौरान औसत वायु गुणवत्ता (AQI) 200 अंकों से नीचे ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा. दिल्ली में न्यूनतम औसत एक्यूआई पिछले सात वर्षों में जनवरी से जून 2023 के बीच दर्ज किया गया. पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि यह सुधार ठोस सूक्ष्म कण (PM2.5 और PM10) और अन्य हानिकारक उत्सर्जन के साथ वायु प्रदूषकों में पर्याप्त कमी का संकेत देता है.
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. सीएक्यूएम आयोग ने बताया कि वायु गुणवत्ता के लिहाज से ‘खराब’, ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी के दिनों की संख्या में 37.03 प्रतिशत तक कमी आई है और यह वर्ष 2016 के 108 दिनों के मुकाबले वर्ष 2023 में घटकर 68 रह गए हैं.