Delhi News: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सत्ता से बेदखल करने के लिए साथ आने की कोशिश में लगे विपक्षी दलों ने शुक्रवार को बिहार की राजधानी पटना में बैठक की. इस बड़ी मीटिंग के बाद हुई ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरजेडी चीफ लालू यादव (Lalu Yadav) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की शादी का जिक्र छेड़ दिया, जिसके बाद वहां मौजूद सभी लोग हंसने लगे. इस पर अब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सवाल उठाए हैं.


'शादी की बात करना उचित नहीं'


ABPLIVE से एक्सक्लूसिव बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने कहा, 'सभी विपक्षी पार्टियां लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होने की कोशिश कर रही हैं. इसी के लिए पटना में एक बड़ी मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें सभी पार्टियों के बड़े नेता शामिल हुए थे. विपक्षी एकजुटता एक गंभीर मसला है, ऐसे माहौल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते वक्त राहुल गांधी की शादी की बात करना क्या उचित है? ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए था. विपक्षी एकता का मतलब सिर्फ पार्टियों का मिलना नहीं होता, बल्कि दिलों को भी मिलाना जरूरी होता है.'


राहुल की शादी पर क्या बोले थे लालू?


ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी की तारीफ करते हुए लालू यादव ने कहा, 'राहुल गांधी ने काफी अच्छा काम किया है. देशभर में पैदल यात्रा की. इस दौरान इनकी दाढ़ी भी बढ़ गई. अब थोड़ी छोटी कराई है, ये ठीक है, पर इन्होंने शादी को लेकर हमारी सलाह नहीं मानी. शादी कर लेनी चाहिए थी. अभी भी समय बीता नहीं है. शादी कर लीजिए, हमारी बात मानिए. आपकी मम्मी हमसे शिकायत करती हैं कि आप उनकी बात नहीं मानते, शादी नहीं करते हैं.'


'शिवसेना क्लियर करे अपना स्टैंड'


बातचीत के दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी एकता को लेकर पटना में हुई बैठक पर भी अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता के लिए वैचारिक तालमेल बहुत जरूरी होता है. ऐसे में सबसे पहले शिवसेना को आर्टिकल 370, बाबरी मस्जिद विध्वंस और सावरकर के मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर करना होगा. क्योंकि सभी पार्टियों में शिवसेना की विचारधारा ही काफी अलग है. लोगों में शिवसेना की छवि उग्र हिंदुत्व की राजनीति के लिए जाने जानी वाली पार्टी के तौर पर है. जब तक विचारधारा का तालमेल नहीं होगा, तब तक एकजुटता नहीं हो पाएगी.


'कांग्रेस को सौंपना होगा नेतृत्व'


आचार्य प्रमोद ने ये भी कहा कि विपक्षी एकजुटता का नेतृत्व कांग्रेस को सौंपा जाना चाहिए. क्योंकि कांग्रेस ही है जो सही मायने में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए बेहतर नेतृत्व कर सकती है. क्षेत्रीय दलों में उतना दम नहीं है कि बीजेपी को सियासी मात दे सके. इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प कांग्रेस के हाथ में नेतृत्व की बागडोर देना ही है. 


ये भी पढ़ें:- 'ED-CBI से घबराने की जरूनत नहीं, 2024 में BJP की हार तय', फिर इनकी..., सत्यपाल मलिक का दावा