Exclusive: प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया. पीएम मोदी के इस फैसले का ऐलान होते ही आंदोलनकारी किसानों में जश्न का माहौल दिखाई दिया. हालांकि किसान नेता अभी भी आंदोलन खत्म करने के मूड़ में दिखाई नहीं दे रहे हैं. किसान संगठनों के नेता इस फैसले के तमाम पहलुओं और अपनी बाकी मांगों को लेकर आगे की रणनीति बनाने के लिए मंथन कर रहे हैं. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता और आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत करते हुए कहा है कि हम पहले सरकार से संवाद करना चाहते हैं. सरकार को चाहिए कि किसानों से बात करे.
धरना खत्म करने के लिए रखी ये शर्त
कृषि कानूनों की वापसी को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को चाहिए कि किसानों से बातचीत को आगे बढ़ाए. सरकार को कमेटी का गठन करना चाहिए और सभी मुद्दों पर विस्तार से बातचीत होनी चाहिए. राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी कानून बने, जैसे ही कानून बनेगा हम अपना धरना खत्म कर देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों पर केस दर्ज हुए हैं. ये केस वापस होने चाहिए. साथ ही उन्होंने पूछा आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत पर कौन जवाब देगा.
किसानों की समस्याओं का हो समाधान
इस दौरान उन्होंने इशारों में कंगना रनौत पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि किसानों को गाली देने वालों को पद्मश्री मिल रहा है. ऐसे लोग बीमार हैं, बीमारों के बयान पर हम क्या कहें. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की सभी समस्याओं को सुनते हुए समाधान करना चाहिए.
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