Delhi News: बीते कुछ सालों से जानवरों को पालने के लिए लोगों का शौक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और इसी होड़ में कुछ विदेशी और अलग नस्ल के जानवरों को पालने में भी लोग काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. जानवरों में कुत्तों को पालने में लोग विशेष रूचि दिखाते हैं और इसमें अपनी शान भी समझते हैं. वहीं  बीते कुछ दिनों से दिल्ली (Delhi) सहित देश के दूसरा राज्यों से, पालतू जानवरों खासतौर पर कुत्तों के अपने मालिक और आसपास से गुजर रहे लोगों पर हमला करने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं में सबसे ज्यादा पिटबुल (Pitt Bull) और रॉटविलर कुत्तों (Rottweiler Dogs)  के काटने की दर्दनाक घटना देखी गई है, जिसमें लोगों की मौत भी हो चुकी है. इन बढ़ते  मामलों को लेकर एबीपी लाइव ने 20 सालों से अधिक समय से पशु चिकित्सक के रूप में पेट  वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन चला रहे डॉक्टर आर. टी. शर्मा से खास बातचीत की है और लगातार बढ़ रहे है ऐसे मामलों की वजह जानने की कोशिश की.


इसलिए मालिक पर ही हमलावर होते हैं जानवर


देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते ऐसी घटनाओं को लेकर पशु चिकित्सक डॉक्टर आर टी शर्मा बताया कि, किसी भी घटना को लेकर एक पहलू के आधार पर ही उसके निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता. पिटबुल हो या रॉटविलर नस्ल के डॉग को पालने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है कि उनके लिए एक ओपन स्पेस हो, नियमित तौर पर उनके अच्छे खाने के साथ- साथ  एक्सरसाइज भी जरूरी है. हो सकता है कि इस बात को कोई गंभीरता से ना समझे लेकिन एक बच्चे की तरह ही इन विशेष नस्ल के कुत्तों को पालने की जरूरत होती है. आज ज्यादातर लोग शौक की वजह से इनको पालते तो हैं और पर्याप्त समय भी देते हैं लेकिन इन नस्ल के कुत्तों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है जो इन्हें नहीं मिल पाता.


बिल्डिंग फ्लैट में हो जाते हैं खतरनाक- डॉ. शर्मा


डॉ. शर्मा ने यह भी कहा कि बड़े महानगरों में फ्लैट, छोटे मकानों में रहने वाले की ज्यादा संख्या है. ऐसे में जगह की कमी के कारण अधिकांश तौर पर यहां पर ही ऐसे विशेष नस्ल के कुत्तों को पाला जाता है. पिटबुल और रॉटविलर कुत्तों को सबसे ज्यादा आवश्यकता है कि नियमित तौर पर उनके खान-पान के साथ- साथ उनके एक्सरसाइज का भी ख्याल रखा जाए और यह ओपन स्पेस में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. अगर इन बातों का ख्याल नहीं रखा जाता है तो यह बीमार हो जाते हैं और अपने ही मालिक पर हमलावर होते हैं. वैसे दुर्भाग्य की बात यह है कि इनके तकलीफ को समझने के बजाय एक आधार पर लोगों के मन में यह धारणा बन चुकी है कि यह डॉग बेहद खतरनाक होते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि केवल अपनी इच्छा पूर्ति और शान को बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि एक बच्चे की तरह इनको भी अच्छी देखभाल की जरूरत होती है.


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