Delhi: अगर आप भी ऑनलाइन किसी एप के माध्यम से शॉर्ट टर्म के लिए लोन लेने की सोच रहे हैं, तो पढ़ लीजिए ये पूरी खबर, नहीं तो आप भी मानसिक प्रताड़ना और ब्लैकमेलिंग के शिकार हो सकते हैं. ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाने की पुलिस ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करने में कमायाबी पाई है, जिसके जरिए उन लोगों को डरा-धमका कर पैसे की उगाही की जाती थी, जिन्होंने प्रतिबंधित चाइनीज लोन एप से शॉर्ट टर्म के लिए लोन लिया था. ये पीड़ितों और उनके जानने वालों को अपशब्द वाले मैसेज और आपत्तिजनक फ़ोटो को भेज कर उन्हें लोन की रकम अदायगी के लिए प्रताड़ित करते थे, जबकि पीड़ितों ने लोन की रकम की अदायगी कर दी थी. ये पीड़ितों से लोन ली गई रकम से दो-तीन गुना रकम उन्हें डरा-धमका कर ऐंठ लेते थे.
ब्लैकमेल कर उगाही का धंधा
डीसीपी अमृता गुगुलोथ के अनुसार, साइबर पुलिस ने इस मामले में इस फर्जी कॉल सेंटर के मालिक सहित 30 लोगों को हिरासत में लिया, जो पिछले 11 महीनों से इस गोरखधंधे में शामिल थे और अब तक सैकड़ों लोगों को डरा-धमका कर लाखों रुपयों की उगाही कर चुके हैं. इनके कब्जे से पुलिस ने 22 लैपटॉप, 20 डेस्कटॉप, 01 सीपीयू, 55 मोबाइल फोन, 02 वाईफाई राउटर, 01 कैश काउंटिंग मशीन, 40 हजार कैश और 21 हार्ड डिस्क बरामद किए हैं. आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और बल्क मैसेजिंग के माध्यम से बिना किसी गारंटर और डॉक्यूमेंटेशन के झंझट के ऑनलाइन शॉर्ट टर्म लोन के लिए प्रेरित करते थे.
अश्लील मैसेज भेजकर वसूलते थे पैसे
जो भी इनके झांसे में आता था, ये उनके मोबाइल में इजी क्रेडिट, हैंडी लोन और गो लोन जैसी चाइनीज प्रतिबंधित एप को डाउनलोड करवा कर लोन प्रोसेस करावने के नाम पर एप को उनके फोन का कम्प्लीट एक्सेस की अनुमति मिलने के बाद एक सप्ताह या उससे अधिक समय के लिए 10 हजार रुपये लोन के रूप में उपलब्ध करवाते थे. इसके बाद इनके ब्लैकमेलिंग और उगाही का सिलसिला शुरू होता था. पीड़ितों की ओर से लोन की रकम अदायगी के बाद भी ये उन्हें और उनके परिजनों को अपशब्द भरे मैसेज भेजते थे और कॉल करते थे. यहां तक कि उनकी तस्वीरों को भी आपत्तिजनक बना कर उन्हें लोन क्लोज करने के लिए और पैसों की मांग करते थे. इस तरह वे उनसे लोन ली गयी रकम से दो से तीन गुनी रकम की वसूली करते थे. इनके हैंडलर पीड़ितों से यूपीआई ट्रांसफर के रूप में रकम की प्राप्ति करते थे, जबकि कॉल सेंटर का मालिक अनिल मदान कैश में अपना कमीशन लेता था.
कॉल सेंटर के मालिक समेत 28 गिरफ्तार
डीसीपी ने बताया कि ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस को इस फर्जी कॉल सेंटर के बारे में सूचना मिली थी, जहां से लोगों को कॉल और मैसेज कर ब्लैकमेल कर उनसे लोन की रकम से ज्यादा की उगाही की वारदात को अंजाम दिया जा रहा था. जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए, एसीपी ऑपरेशन पंकज अरोड़ा की देखरेख में ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर इंस्पेक्टर गौरव चौधरी, एसआई राजेश मलिक, सौरभ हरितेश, हेड कॉन्स्टेबल सचिन महिला हेड कॉन्स्टेबल अनामिका, कॉन्स्टेबल उदयभान और अन्य की छापेमारी टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम ने प्राप्त सूचना को और विकसित किया और मधु विहार के गली नम्बर 15 स्थित एक बिल्डिंग के पहले और तीसरे मंजिल पर छापा मार कर गीता कॉलोनी के रहने वाले कॉल सेंटर के मालिक अनिल मदान और मैनेजर, 02 टीम लीडर और महिला-पुरुष समेत 24 टेली कॉलर को दबोच लिया. मौके से पुलिस ने कई लैपटॉप-डेस्कटॉप, कैश और मोबाइल आदि बरामद किया.
चाइनीज नागरिक करता था मदद
जांच के दौरान आरोपियों से पूछताछ और कॉल सेंटर के मालिक अनिल मदान के मोबाइल नम्बर की कॉल डिटेल रेकॉर्ड्स और व्हाट्सएप चैट की जांच और उसके विश्लेषण के आधार पर दो आरोपियों, ऊत्तम नगर के संदीप वर्मा और मोहन गार्डन के विशाल कुमार को भी हिरासत में ले लिया. जांच में पता चला कि संदीप वर्मा एक चाइनीज अल्बर्ट के संपर्क में था, जो उसे DING TALK नाम के चाइनीज एप्लिकेशन से पीड़ितों के डेटा उपलब्ध करवाता था. जबकि विशाल कुमार, संदीप का मैनेजर है. अब तक कि जांच में पता चला है कि पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से आरोपी इस कॉल सेंटर को चला रहे थे. आरोपी अनिल मदान ने अपने सभी खर्चों को काटने के बाद इस कॉल कॉल सेंटर से अब तक 25 से 30 लाख रुपये की कमाई की है. जांच में ये भी खुलासा हुआ कि आरोपी संदीप और विशाल मिल कर और भी ऐसे फर्जी कॉल सेंटर चला रहे हैं, पुलिस जिसका पता लगाने की कोशिश कर रही है.अब तक इनके खिलाफ 15 मामले पुलिस को मिल चुके हैं. आरोपी अनिल मदान पहले भी कालकाजी थाने में दर्ज चीटिंग के एक मामले में लिप्त रहा है. इस मामले में पुलिस ने कॉल सेंटर के मालिक अनिल मदान, संदीप वर्मा और विशाल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, और आगे की जांच में जुट कर मनी ट्रेल और चाइनीज नागरिक की भूमिका की जांच सहित पूरे नेटवर्क के खुलासे में लग गई है.
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