'Microsoft' के फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, दिल्ली में बैठकर अमेरिकी नागरिकों को बनाते थे निशाना
Delhi Fake Call Center: दिल्ली पुलिस ने फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी खुद को माइक्रोसाफ्ट का एम्प्लॉई बताकर विदेशी नागरिकों से ठगी को अंजाम देते थे.
Delhi Fake International Call Center: ईस्ट दिल्ली के साइबर थाने की पुलिस ने एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों को कॉल कर खुद को माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) का एम्प्लॉई बताते थे. फिर उन्हें, उनके लैपटॉप-डेस्कटॉप के लिए प्रिंटर, ड्राइवर, एंटीवायरस, विंडोज, एमएस एक्सेल-वर्ड अपडेशन जैसी आदि स्कीमों का झांसा देकर ठगी को अंजाम देते थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, अंकित मिश्रा उर्फ ऋषभ, शादाब शेख, प्रमोद कुमार और शोभित चंद के रूप में हुई है. ये यूपी (UP) के अयोध्या, कानपुर और दिल्ली के त्रिलोकपुरी के रहने वाले हैं.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से तीन लैपटॉप, एक डेस्कटॉप, आठ मोबाइल फोन और राउटर आदि बरामद किए हैं. डीसीपी अमृता गुगुलोथ के अनुसार, आरोपी अंकित मिश्रा उर्फ ऋषभ और शादाब शेख बी.टेक इंजीनियर है, जबकि प्रमोद बीसीए और शोभित चंद कॉमर्स ग्रेजुएट है. ये चारों फर्जी कॉल सेंटर में बराबर के पार्टनर थे और ये ज्यादातर अमेरिकी नागरिकों को अपना शिकार बनाते थे.
पे-पल अकाउन्ट में लेते थे पैसे
अमृता गुगुलोथ ने बताया कि ये खुद को माइक्रोसाफ्ट का एम्प्लॉई बताकर माइक्रोसॉफ्ट की स्कीम या अन्य अपडेशन प्रोग्राम का झांसा दे कर चार्ज के नाम पर यूएस सिटीजन से 100 से 200 डॉलर तक ऐंठ लेते थे. इसे वो पे-पल अकाउन्ट में प्राप्त करते थे, जिसे आरोपियों ने कमीशन के आधार पर खरीदा था. पे-पल अकाउन्ट में आए पैसों को पे-पल अकाउन्ट होल्डर अपना कमीशन काट कर आरोपियों के अकाउन्ट में ट्रांसफर कर देते थे, जिन्हें वो आपस मे बांट लेते थे.
छापेमारी कर पुलिस टीम ने रंगे हाथों दबोचा
डीसीपी ने बताया कि, साइबर पुलिस को सूत्रों से पांडव नगर इलाके एक बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाए जाने की सूचना मिली थी. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए एसीपी ऑपरेशन पंकज अरोड़ा की देख-रेख में ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के साइबर इंस्पेक्टर गौरव चौधरी, एसआई नरेश कुमार, हरितेश, हेड कॉन्स्टेबल यादराम और कॉन्स्टेबल उदयभान की छापेमारी टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम ने पांडव नगर के पी-92 के फोर्थ फ्लोर पर छापेमारी कर चारों आरोपियों को उस समय रंगे हाथों पकड़ लिया, जब वे कॉल सेंटर के माध्यम से चीटिंग की वारदात को अंजाम देने में लगे हुए थे.
6 महीने में अमेरिकी नागरिकों से ठगे 13 लाख
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो पिछले तीन साल से पांडव नगर के उक्त किराए के फ्लैट में रह रहे थे और छह महीनों से इस कॉल सेंटर को चला रहे हैं. शुरुआत से लेकर अब तक उन्होंने विदेशी नागरिकों से 12-13 लाख की ठगी को अंजाम दिया है. उन्होंने अपने उन पैसों को कमीशन के आधार पर खरीदे गए पे-पल अकाउन्ट में प्राप्त किए. इसके बाद पे-पल अकाउन्ट होल्डर उनके अकाउन्ट में पैसों को ट्रांसफर कर कर देते थे. आरोपी अंकित मिश्रा, इस फर्जी कॉल सेंटर के अलावा ऑनलाइन रिक्रूटमेंट कंपनी चलाता है. इस मामले में पुलिस आगे की जांच में जुट गई है.
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