Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए अच्छी खबर, तीन दशक पुराने विवाद का निकला हल, जाम से मिलेगी निजात
उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार के बीच फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे (Faridabad-Noida-Ghaziabad Expressway) को लेकर 3 दशक से विवाद चल रहा था, जो अब दोनों सरकारों के आपसी समझौते से हल हो चुका है.
Faridabad-Noida-Ghaziabad Expressway: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के लोगों के लिए एक राहत की खबर है. बीते कुछ महीनों से दिल्ली और नोएडा के रास्ते पर भीषण जाम की स्थिति हमें देखने को मिल रही है, जिससे लोगों को अपने दफ्तर और घरों तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं नोएडा से हरियाणा (Haryana) जाने के लिए मौजूदा समय में बड़ी गाड़ियों के गुजरने के लिए केवल एक रास्ता कालिंदी कुंज (Kalindi Kunj) की तरफ से है.
अब लगभग 3 दशकों से लटका पड़ा फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे को बनाने का रास्ता साफ हो गया है. इसकी वजह से कालिंदी कुंज मार्ग पर गाड़ियों की संख्या कम हो सकेगी और लोगो को जाम से निजात मिलेगा. बीते दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि एफएनजी एक्सप्रेसवे के बचे हुए कार्य को जल्द पूरा किया जाएगा.
70 प्रतिशत काम हो चुका है पूरा
फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ने वाले 43 किलोमीटर इस लंबे एक्सप्रेसवे का प्रमुख उद्देश्य दिल्ली पर वाहनों के बोझ को कम करना है, जिसमें 2014 तक की रिपोर्ट के अनुसार नोएडा के 17 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 70 प्रतिशत कार्य को पूर्ण कर लिया गया है.
दोनों राज्य सरकार मिलकर खर्च का करेंगे निर्वहन
उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार के बीच फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे को लेकर 3 दशक से चला आ रहा विवाद पुल बनाने को लेकर रहा, जो अब दोनों सरकारों के आपसी समझौते से हल हो चुका है. दोनों सरकार इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में मिलकर इसके निर्माण खर्च का निर्वहन करेंगे. 1989 में इस एक्सप्रेसवे को बनाने का निर्णय लिया गया था, जिस समय इसकी लागत 1000 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी. अब इस एक्सप्रेसवे को बनाने में खर्च और बढ़ेगा, जिसमें 6 लेन सड़क, अंडरपस पुल और भी अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
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